मालवा की काटन बेल्ट में बढ़ेगा नरमा का रकबा
मालवा की काटन बेल्ट में पानी की बचत के मद्देनजर धान के रकबे को कम करने के लिए खेतीबाड़ी विभाग की तरफ से नरमा की बिजाई का लक्ष्य पिछले साल से बढ़ा दिया गया है।
सुभाष चंद्र, बठिडा
मालवा की काटन बेल्ट में पानी की बचत के मद्देनजर धान के रकबे को कम करने के लिए खेतीबाड़ी विभाग की तरफ से नरमा की बिजाई का लक्ष्य पिछले साल से बढ़ा दिया गया है। इस बार मालवा बेल्ट के खासकर तीन जिलों बठिडा, मानसा और श्री मुक्तसर साहिब में नरमा की बिजाई के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारियों ने जोर लगाना शुरू कर दिया है। पिछली बार काटन कारपोरेशन आफ इंडिया (सीसीआइ) की तरफ से नरमा की खूब खरीद की गई थी। भाव भी अच्छा मिला था, जिसके चलते किसान भी नरमा की बिजाई के लिए उत्साहित हैं।
मालवा क्षेत्र के प्रमुख जिले बठिडा में पिछली बार लगभग 80 हजार हेक्टेयर में नरमा की बिजाई की गई थी, लेकिन इस बार खेतीबाड़ी विभाग ने 1.5 लाख हेक्टेयर रकबे में नरमा की बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें से 16192 हेक्टेयर रकबे में बीते शुक्रवार तक बिजाई हो चुकी है। पिछली बार जिले में 1.77 लाख हेक्टेयर रकबे में धान की बिजाई हुई थी। जिसमें बासमती भी शामिल है। लेकिन इस बार यह रकबा कम करके 1.52 लाख हेक्टेयर कर दिया गया है। जिले का कुल खेती योग्य रकबा 2.80 लाख हेक्टेयर है। 1.5 लाख हेक्टेयर रकबे में बिजाई का लक्ष्य
16192 हेक्टेयर रकबा हो चुका है कवर
80 हजार हेक्टेयर रकबे में गत वर्ष हुई थी बिजाई मानसा व मुक्तसर में 1.10 लाख हेक्टयर में बिजाई
मानसा जिले में इस बार कुल खेती योग्य रकबे 2.10 लाख हेक्टेयर में से 70 हजार हेक्टेयर में नरमा की बिजाई की जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले वर्ष जिले में 50 हजार हेक्टेयर में नरमा की बिजाई हुई थी। धान का रकबा पिछले साल के मुकाबले 1.20 लाख हेक्टेयर से कम करके 1.10 लाख हेक्टेयर कर दिया गया है। निर्धारित लक्ष्यों के पूरा होने की पूरी उम्मीद : अधिकारी
बठिडा के जिला खेतीबाड़ी अधिकारी बहादर सिंह सिद्धू, मानसा के जिला खेतीबाड़ी अधिकारी मनजीत सिंह तथा श्री मुक्तसर साहिब के कृषि अधिकारी गुरप्रीत सिंह बराड़ बताते हैं कि नरमा का बढ़ाया गया रकबा धान के रकबे से ही निकाला गया है। पिछले साल सीसीआइ की तरफ से नरमा की खरीद की गई थी। इसलिए इस बार किसान पिछले साल की खरीद से काफी उत्साहित हैं। पूरी उम्मीद है कि लक्ष्यों को हासिल किया जा सकेगा। ब्लाक स्तर पर टीमों का गठन भी कर दिया गया है। जो गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक भी करने लग गई हैं।