संक्रमण को हलके में ले रहे लोग, इलाज में देरी बन रही मौत का कारण
कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक है। बढ़ते संक्रमण के बीच फिर से लाकडाउन के हालात पैदा हो गए हैं।
जासं, बठिंडा: कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक है। बढ़ते संक्रमण के बीच फिर से लाकडाउन के हालात पैदा हो गए हैं। इसके बावजूद लोग इस वायरस को हलके में ले रहे हैं, जिस कारण मौतों का आंकड़ा भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। देरी से टेस्ट और इलाज के चलते संक्रमण के दो या तीन दिन के भीतर ही गंभीर हालत वाले मरीज दम तोड़ रहे हैं। वहीं अब यह संक्रमण बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। सोमवार को लगातार दूसरे दिन पांच वर्षीय बच्ची समेत 13 लोगों की मौत हो गई। इससे पहले रविवार को 18 दिन के नवजात की मौत हुई थी। इसके अलावा जिले में सोमवार को 623 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई। इस बीच राहत वाली बात यह है कि 585 मरीज ठीक भी हुए हैं।
डाक्टरों के मुताबिक ज्यादातर मामलों में मरीज पहले घर पर ही दवा लेते रहते हैं। हालत ज्यादा बिगड़ने के बाद ही अस्पताल आते हैं। तब तक कोरोना फेफड़ों को पूरी तरह से प्रभावित कर चुका होता है, जिसके कारण अस्पताल में भर्ती होने के दो या तीन दिन के भीतर ही मरीजों की मौत हो रही है। डाक्टरों का कहना है कि कोरोना के लक्षणों को हलके में न लेकर इसकी जांच करवाएं। सेहत विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को संक्रमितों की कुल गिनती 22,520 और स्वस्थ हुए मरीजों की गिनती 16,868 हो गई है। जिले में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 5253 पर पहुंच गई है। इनमें से 4412 मरीज होम आइसोलेट हैं और 21 मरीज अन्य जिलों में होम आइसोलेट हैं। वहीं 614 कोरोना संक्रमित मरीज अनट्रेस हैं, जिनकी तलाश सेहत विभाग की टीमें लगातार कर रही है।
उधर, सहारा जनसेवा के सदस्यों विजय गोयल, पंकज सिगला, गौरव कुमार, गौतम, हरबंस सिंह, टेक चंद, जग्गा सहारा, विजय कुमार विक्की, राजेंद्र कुमार, सुमीत ढींगरा, संदीप गोयल, कमल गर्ग, अर्जुन कुमार, सिमर गिल, संदीप गिल, मनी कर्ण, राजेंद्र कुमार, शिवम राजपूत, तिलकराज, सूरजभान गुनी, दीपक गोयल, मोनू कुमार, हरदीप सिंह ने स्थानीय श्मशान भूमि में पीपीई किट पहनकर 20 कोरोना मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया। इनमें जिले के कोरोना मरीजों के अलावा दिल्ली, कश्मीर, मुक्तसर व मानसा के मरीजों के शव भी शामिल थे। वहीं नौजवान वेलफेयर सोसायटी के वालंटियर साहिब सिंह, सोम शर्मा, अतुल जैन, राकेश जिदल,भूषण बांसल, आशु गुप्ता, मोनू शर्मा, अशोक निर्मल, अंकित ने तीन कोरोना मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया।