विभिन्न विभागों के ठेका कर्मियों ने घेरा वित्तमंत्री मनप्रीत बादल का कार्यालय
वर्षों से विभिन्न विभागों में ठेके पर काम कर रहे सैकड़ों ठेका मुलाजिमों ने शनिवार दोपहर को राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल का जीटी रोड स्थित कार्यालय घेर लिया।
जागरण संवाददाता, बठिडा : वर्षों से विभिन्न विभागों में ठेके पर काम कर रहे सैकड़ों ठेका मुलाजिमों ने शनिवार दोपहर को राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल का जीटी रोड स्थित कार्यालय घेर लिया। हालांकि इस दौरान पुलिस ने जीटी रोड पर दोनों ओर बैरिकेडिग कर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन प्रदर्शनकारियों की बड़ी संख्या के आगे पुलिस के बैरिकेडिग के प्रबंध छोटे पड़ गए। प्रदर्शनकारी बैरिकेडों को हटाते हुए अपनी गाड़ियां तक लेकर वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के दफ्तर के द्वार तक पहुंच गए। प्रदर्शन में सात जिलों बठिडा, फरीदकोट, मानसा, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, फिरोजपुर और मोगा के कर्मचारी शामिल थे। प्रदर्शनकारी मनप्रीत बादल के दफ्तर के बिलकुल द्वार पर टेंट लगाकर 24 घंटे के लिए धरने पर बैठ गए। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के होने के कारण बाद में प्रशासन को वित्तमंत्री के दफ्तर को बंद करना पड़ा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार, वित्तमंत्री मनप्रीत बादल व पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।
ठेका मुलाजिम संघर्ष कमेटी के नेताओं वरिदर सिंह, जगरूप सिंह, गुरविदर सिंह, सेवक सिंह, संदीप खान आदि ने बताया कि यहां पर राज्य सरकार के विभिन्न 15 विभागों के ठेका कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। वे वर्षों से ठेके पर मामूली वेतन पर काम कर रहे हैं। न तो पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने उन्हें स्थायी किया और न ही कांग्रेस सरकार कर रही है। कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल निकल गए हैं, लेकिन हजारों ठेका मुलाजिमों को पक्का करने के बारे में अभी तक नहीं सोचा है। जबकि यह सरकार ही घर-घर नौकरी देने के वादे के साथ सत्ता में आई थी। कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में भी ठेका कर्मचारियों को पक्का करने का वाद किया था। लेकिन अब कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्थायी करने की मांग को लेकर फिलहाल उन्होंने 24 घंटे के लिए दिन-रात का धरना शुरू किया है। अगर इसके बाद भी राज्य सरकार ने उनके साथ बैठक करके उन्हें पक्का करने के बारे में कोई घोषणा नहीं की, तो कड़े संघर्ष की शुरुआत की जाएगी।