ठेका मुलाजिमों ने वित्तमंत्री को घेरा, वीनू बादल को किया धर्मशाला में नजरबंद

मांगों को लेकर संघर्षरत विभिन्न सरकारी विभागों के ठेका मुलाजिमों ने शुक्रवार को गुरु नानक नगर में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल का घेराव किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 09:33 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 09:33 PM (IST)
ठेका मुलाजिमों ने वित्तमंत्री को घेरा, वीनू बादल को किया धर्मशाला में नजरबंद
ठेका मुलाजिमों ने वित्तमंत्री को घेरा, वीनू बादल को किया धर्मशाला में नजरबंद

जासं,बठिडा: मांगों को लेकर संघर्षरत विभिन्न सरकारी विभागों के ठेका मुलाजिमों ने शुक्रवार को गुरु नानक नगर में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल का घेराव किया। वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नी वीनू बादल के कार्यक्रम में पहुंचकर उन्हें नजरबंद कर दिया। करीब आधे घंटे तक वीनू बादल जोगी नगर की गली नंबर 16 में स्थित धर्मशाला फंसी रहीं। वह एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंची थीं। ठेका मुलाजिमों ने मौके पर पहुंचकर धर्मशाला के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद धर्मशाला का मुख्य गेट बंद कर दिया गया। वहीं भारी संख्या में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। बात न बनती देख पुलिस ने ठेका मुलाजिमों को हिरासत में ले लिया और बाद में रिहा कर दिया। इसके बाद वित्तमंत्री के सभी कार्यक्रमों में सुरक्षा बढ़ा दी गई।

दरअसल, शुक्रवार को वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल व उनकी पत्नी विणू बादल शहर में दौरे पर थे। वित्तमंत्री ने आदर्श नगर के पास गुरु नानक नगर में एक समारोह में शामिल होना था। इसका पता चलते ही ठेका मुलाजिम वहां पहुंच गए व नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं उनकी पत्नी वीनू बादल जोगी नगर में कार्यक्रम में पहुंची थीं, जहां कर्मचारियों ने नारेबाजी कर अपना विरोध जताया। ठेका मुलाजिमों ने वीनू बादल का घेराव किया और उन्हें धर्मशाला में ही नजरबंद कर दिया गया। मामले की जानकारी मिलते ही दोनों जगह भारी पुलिस फोर्स पहुंची और मुलाजिमों को हटाकर वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया। इस दौरान करीब आधा घंटा वीनू बादल धर्मशाला में नजरबंद रहीं।

यूनियन के सदस्य वरिदर सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार हर बार उनके साथ मुलाजिमों को पक्का करने का वादा करती है, लेकिन इसको आज तक पूरा नहीं किया गया। यहां तक कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले यह वादा किया था कि 2017 में जैसे ही वह चुनाव जीत जाएंगे तो सभी मुलाजिमों को पक्का कर दिया जाएगा। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मांगें न मानी गई तो सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।

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