रिग रोड.. दो साल बाद भी जमीन अधिग्रहण अधर में, निर्माण रुका

साल 2001 से पेंडिग चल रही बठिडा की रिग रोड फेज-1 का निर्माण कार्य आज भी जमीन अधिग्रहण के कारण अधूरा ही पड़ा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 04:59 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 04:59 AM (IST)
रिग रोड.. दो साल बाद भी जमीन अधिग्रहण अधर में, निर्माण रुका
रिग रोड.. दो साल बाद भी जमीन अधिग्रहण अधर में, निर्माण रुका

जागरण संवाददाता, बठिडा: साल 2001 से पेंडिग चल रही बठिडा की रिग रोड फेज-1 का निर्माण कार्य आज भी जमीन अधिग्रहण के कारण अधूरा ही पड़ा है। हालांकि पंजाब सरकार की ओर से रोड के निर्माण को लेकर फंड भी धीरे-धीरे जारी किया जा रहा है। इस कारण यह प्रोजेक्ट आज भी पूरा नहीं हो पाया है। फिलहाल रोड के निर्माण पर खर्च होने वाले पैसों से काम शुरू किया गया है, जबकि रोड को तैयार करने के लिए कुल 25.29 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं, जिसमें से पहले साल में सरकार ने दो करोड़ ही जारी किए थे।

बेशक 2019 की 13 अक्टूबर को वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने रोड का निर्माण कार्य शुरू करवाते समय तैयार किए गए प्रोजेक्ट की कुल लागत के 95 करोड़ रुपये भी जल्द ही जारी कर तीन महीनों में काम पूरा करने का दावा किया था, लेकिन दो साल के लगभग समय बीत जाने के बाद काम की रफ्तार काफी धीमी है। इस रोड का निर्माण पूरा होने के बाद शहर के लोगों को ट्रैफिक की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। वहीं रोड के किनारे मकान बनाकर बैठे लोगों को भी बीडीए आज तक वहां से हटा नहीं पाया। जबकि इसको लेकर बीडीए की ओर से योजना भी तैयार की गई थी कि इन लोगों को कहीं दूसरी जगह पर मकान बनाकर दिए जाएंगे। लेकिन यह योजना भी आज तक सिरे नहीं चढ़ सकी। वहीं इस मामले में लोक निर्माण विभाग के एसडीओ अमूल्य गर्ग कहना है कि रोड के निर्माण को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम द्वारा लगातार काम किया जा रहा है, जिसके चलते पहले सभी प्रकार के अतिक्रमण हटाए जाएंगे।

जमीन के पैसे कम मिलने पर लोगों ने ली थी अदालत की शरण आठ अप्रैल 2001 में तत्कालीन निकाय मंत्री बलराम जी दासटंडन ने छावनी के साथ सटी रिग रोड का नींव पत्थर रखा था। इसका 2004 में अवार्ड सुनाया गया तो कुछ लोगों ने पैसा कम मिलने पर आपत्ति जताते हुए न्यायालय की शरण ली थी। इस दौरान भूखंड मालिकों की सरकार के साथ बातचीत जारी रही, लेकिन कोई हल नहीं निकला और केस चलता रहा। इसके बाद 2011 में हाईकोर्ट का फैसला नगर सुधार ट्रस्ट के हक में हुआ, लेकिन स्थानीय लोगों ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और 2017 में सुप्रीम कोर्ट बैंच ने विचार विमर्श करने के बाद रिग रोड बनाने की इजाजत दी थी। इस बीच आने वाली 16 एकड़ भूमि के लिए डीसी को निर्देश जारी कर हल निकालने को कहा तो बठिडा के तत्कालीन डीसी दीपर्वा लाकड़ा ने जमीन मालिकों से मीटिग कर रिपोर्ट को फाइनल किया। इसके बाद भी जब नगर सुधार ट्रस्ट काम नहीं कर पाया तो इसको पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया गया, जिसके बाद इस पर काम शुरू हो गया।

रोड पर होगा एक अंडरब्रिज और एक ओवरब्रिज का निर्माण

95 करोड़ की लागत से बनने वाली यह रिग रोड बठिडा-बरनाला रोड पर स्थित थाना कैंट के साथ वाली रोड से निकलेगी, जो आगे मानसा ओवरब्रिज के आइटीआइ पुल के साथ जुडेगी। इस रोड पर एक अंडरब्रिज व एक ओवरब्रिज भी बनाया जाएगा। अंडरब्रिज 500 मीटर लंबा होगा, जो इंडस्ट्रियल एरिया के पास रेलवे लाइनों पर बनाया जाएगा तो ओवरब्रिज की लंबाई 400 मीटर के करीब होगी, जो इंडस्ट्रलियल एरिया की मेन रोड को आइटीआइ पुल के साथ जोड़ेगा। इसके अलावा रोड के साथ सर्विस लाइन भी बनाई जाएगी, जहां से भागू रोड, धोबियाना बस्ती रोड, पावर हाऊस रोड, माडल टाउन फेस तीन व पटेल नगर के लिए सर्विस रोड बनेगी। वहीं रोड के साथ-साथ कैंट का एरिया होने की वजह से सुरक्षा के लिहाज से फेंसिग भी की जाएगी।

इनको होगा फायदा

कम होगी दूरी.. रोड के निर्माण से पांच से सात किलोमीटर का सफर कम हो जाएगा। इससे पहले बरनाला से मानसा या डबवाली आने-जाने वाले लोगों को शहर से घूम कर जाना पड़ता था। मगर अब इसके साथ उनको पांच से सात किलोमीटर का सफर कम करना पड़ेगा।

शहर होगा ट्रैफिक मुक्त.. इस समय शहर में भारी वाहनों के कारण जाम लगा रहता है। इस रोड के निर्माण के बाद हैवी ट्रैफिक को शहर में नहीं आना पड़ेगा। इसके अलावा बठिडा तेल डिपुओं व रिफाइनरी से निकलने वाले कैंटर भी जाम का कारण नहीं बन पाएंगे।

बस स्टैंड हो सकता है पास.. शहर में स्थित बस स्टैंड को शहर से बाहर लेकर जाने के लिए 2007 में बनी योजना आज भी अधर में लटक रही है। बसों की सही एंट्रेस या एग्जिट न होने के कारण कैंट की ओर से आपत्ति जताई जा रही थी। अब इसका भी काम शुरू हो सकेगा।

अन्य राज्यों को मिलेगी सुविधा.. हरियाणा व राजस्थान के अलावा पंजाब के मानसा व तलवंडी आदि स्थानों को जाने के लिए वाहन चालकों के ईधन व समय दोनों व्यर्थ होते थे। वहीं 100 फीट बीबी वाला रोड इस ट्रैफिक को लेने में सक्षम नहीं था। मगर अब इनको भी फायदा होगा।

इन पर होंगे पैसे खर्च

25.29 करोड़ सड़क निर्माण पर खर्च होंगे

35.60 करोड़ ओवरब्रिज व अंडरब्रिज निर्माण पर

23 करोड़ जमीन एक्वायर करने के लिए

9 करोड़ सुविधाएं शिफ्ट करने के लिए

50 लाख जंगलात विभाग की क्लियरेंस के लिए

1.52 करोड़ कंटीजेंसी चार्जेस पर

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