चंडीगढ़ के कंपनी संचालक ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छामृत्यु, बठिंडा रिफाइनरी के प्रबंधकों पर लगाए धोखाधड़ी के आरोप
चंडीगढ़ के एक कंपनी संचालक ने बठिंडा रिफाइनरी के प्रबंधकों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। कंपनी संचालक ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है।
जेएनएन, बठिंडा। चंडीगढ़ के रहने वाले एक कंपनी के संचालक ने बठिंडा स्थित रिफाइनरी के प्रबंधकों पर 35 लाख रुपये बकाया न देकर धोखाधड़ी करने व परेशान करने के मामले में राष्ट्रपति को पत्र लिखकर परिवार सहित इच्छामृत्यु की मांग की है। पीड़ित सुरेश कुमार ने बताया कि वह हैल्लो इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी चलाता है जो रिफाइनरी के साथ काम करती है।
उसने बताया कि उसका रिफाइनरी की ओर एक वर्क आर्डर के 35 लाख रुपया बकाया खड़ा है जिसे लेने के लिए वह अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। अधिकारी काम करने के एवज में रिश्वत की मांग करते हैं। उसने बताया कि इस बारे में वह कंपनी के उच्चाधिकारियों समेत पुलिस के पास भी शिकायत कर चुका है, लेकिन उसे अभी तक इंसाफ नहीं मिला।
उसने बताया कि उक्त वर्कऑर्डर के चक्कर में वह अपनी जिंदगीभर की कमाई भी लुटा चुका है। अब उस पर 25 लाख रुपये कर्ज भी चढ़ गया है। उसने बताया कि इस बारे में मुख्य सचिव पंजाब को शिकायत की गई थी, जिसके बाद उन्होंने डीएसपी तलवंडी साबो को जांच सौंप दी थी, लेकिन पुलिस ने ये मामला दबा दिया। अब भी उनकी एक शिकायत की जांच एसपी स्पेशल बठिंडा के दफ्तर में लंबित पड़ी है। हालातों केा देखते हुए उसने राष्ट्रपति से मांग की है कि उसे पूरे परिवार सहित 15 अगस्त तक इच्छामृत्यु की इजाजत दी जाए।
मामले में एचएमईएल रिफाइनरी के लोक संपर्क अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि उक्त व्यक्ति के विरुद्ध पुलिस को पहले ही शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है, क्योंकि उसने रिफाइनरी के साथ जो अनुबंध किया था उसे पूरा नहीं किया। जितना इस कंपनी ने काम किया है उतना पैसा देने को रिफाइनरी प्रबंधन तैयार हैं, लेकिन उन्होंने पैसा लिया नहीं। कंपनी संचालक अब रिफाइनरी को बदनाम करने पर तुला हुआ है इसे लेकर एक अगस्त को दूसरी बार पुलिस के पास शिकायत की गई है।
उन्होंने बताया कि रिफाइनरी अपने सोशल कार्यक्रम के तहत आसपास के गांवों के बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न तकनीकी कोर्सों की ट्रेनिंग देता है। इसके लिए उक्त कंपनी के साथ करार किया था, लेकिन जिन गांवों के बच्चों के लिए उन्होंने अनुमति दी वहां कोई कार्य नहीं हुआ, बल्कि किन्हीं और बच्चों को ट्रेनिंग देकर उक्त फर्म ने फर्जी बिल तैयार किए जो मान्य नहीं है।