सिविल अस्पताल के ठेका मुलाजिमों ने दिया धरना

सरकारी अस्पताल के ठेका आधारित कर्मियों ने पंजाब सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ रोष धरना देकर नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 08:53 PM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 08:53 PM (IST)
सिविल अस्पताल के ठेका मुलाजिमों ने दिया धरना
सिविल अस्पताल के ठेका मुलाजिमों ने दिया धरना

जासं,बठिडा: मंगलवार को स्थानीय शहीद भाई मणि सिंह सरकारी अस्पताल के ठेका आधारित कर्मियों ने पंजाब सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ रोष धरना देकर नारेबाजी की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उन्हें पक्का नहीं किया तो आगामी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी का बहिष्कार किया जाएगा।

कच्चे कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले धरने का नेतृत्व करते हुए संगठन के अध्यक्ष अश्विनी और जिला मुख्य सलाहकार सोनी सिंह नथाना ने कहा कि पंजाब सरकार ने कर्मचारियों को पक्का करने के लिए 2021 एक्ट बनाया है, जिसमें ठेके पर काम करने वाले कच्चे मुलाजिमों को बाहर रखा गया है। यह मुलाजिमों के साथ पूरी तरह से धक्केशाही है। सोनी सिंह ने कहा कि वे पिछले कई वर्षों से ठेका प्रणाली के तहत काम कर रहे हैं और ठेकेदार उन्हें श्रमिकों का शोषण करने के लिए पूरा वेतन नहीं दे रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि यदि कर्मचारियों को पक्का नहीं किया जाता है, तो कम से कम डीसी दर का भुगतान करे। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यह एक सांकेतिक धरना है और अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो भविष्य में अनिश्चितकालीन धरना होगा। किसानों ने स्कूल के आगे धरना लगाकर किया प्रदर्शन गांव घुद्दा स्थित डिफरेंट कान्वेंट स्कूल के आगे भारतीय किसान यूनियन की ओर से धरना लगाया गया। इस दौरान जिला कमेटी मेंबर जगसीर झुंबा व ब्लाक नेता अजयपाल सिंह ने कहा कि स्कूल संचालक की ओर से बीते दिन बठिडा के एक पैलेस में 'बठिडा की आवाज' नाम से प्रोग्राम किया गया था, जिसमें लोगों को भाजपा में शामिल करवाना था। इसका जत्थेबंदी ने जब विरोध किया तो कार्यक्रम को रद कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधकों द्वारा अध्यापकों को वेतन तक नहीं दिया जा रहा। यहां तक कि स्कूल के सफाई सेवकों से भी बहुत ही कम वेतन पर काम लिया जा रहा है। उन्होंने ऐलान किया कि अगर अध्यापक या सफाई सेवक अपनी मांगों के प्रति संघर्ष करते हैं तो उनका जत्थेबंदी द्वारा समर्थन किया जाएगा। इसके साथ ही चेतावनी दी कि अगर भाजपा नेताओं ने किसानों के प्रति गलत शब्दावली का प्रयोग किया तो वह संघर्ष करेंगे।

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