सीमा पार से आए किशोर के पाकिस्तान जाने की उम्मीद जगी
पाकिस्तानी किशोर मुबशर बिलाल उर्फ मुबारिक की अपने देश लौटने की उम्मीद जगी है।
गुरप्रेम लहरी, बठिडा : मार्च 2018 में पाकिस्तान से सीमा पार करके भारत में दाखिल होने वाले पाकिस्तानी किशोर मुबशर बिलाल उर्फ मुबारिक की अपने देश लौटने की उम्मीद जगी है। बठिडा के एडवोकेट हरपाल सिंह खारा व गुरप्रीत सिंह संधू ने पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर बच्चे को वापिस पाकिस्तान भेजने की मांग की थी। पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
मुबशर घर से रूठ कर भारत में दाखिल हो गया था। भारतीय सेना ने उसको सीमा के पास से गिरफ्तार कर लिया था। उस समय से मुबशर होशियारपुर की जेल में बंद है। उसको तरनतारन की अदालत जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने छह माह बाद छह सितंबर 2018 को बरी कर दिया था। लेकिन 15 माह बीत जाने के बाद भी उसकी वतन वापसी नहीं हो पाई। बठिडा के एडवोकेट हरपाल खारा ने बताया कि गत दिवस जब वह पाकिस्तान गए थे तो वहां पर उनकी लाहौर के एक पत्रकार नासिर ढिल्लों के साथ बात हुई थी। उन्होंने मुबशर बिलाल का जिक्र करते हुए उसकी रिहाई की पैरवी करने की अपील थी। भारत पहुंच कर एडवोकेट खारा ने बच्चे को रिहा करके पाकिस्तान भेजने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था। लेकिन कोई जवाब न मिलने के कारण हरपाल खारा ने पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर करके बच्चे को पाकिस्तान भेजने के लिए केंद्र सरकार को आदेश जारी करने की अपील की थी।
एडवोकेट खारा ने बताया कि हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मुबशर बिलाल की पाकिस्तान वापसी न होने का केंद्र सरकार से कारण पूछा है। अदालत ने केंद्र सरकार को 17 दिसंबर को इस मामले में जवाब देने को कहा है। खेमकरण में दर्ज हुआ था केस मुबशर पर एक मार्च 2018 को थाना खेमकरण में भारतीय पासपोर्ट एक्ट 1920 की धारा 3, 34, 20 व फार्नर एक्ट 1946 की सेक्शन 14 के तहत केस दर्ज किया था। कसूर का रहने वाला है मुशबर
मुबशर बिलाल पाकिस्तान के जिले कसूर के गांव कोटलॉय कलयान का रहने वाला है। मुहम्मद अकबर का कहना है । बिलाल के पांच भाई हैं जबकि 4 बहनें हैं।