जिनको अमीर बता काटे थे आटा-दाल के कार्ड, वे फिर होने लगे गरीब

राज्य में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही कांग्रेस सरकार की ओर से 2017 के बाद की गई गलतियों को अब सुधारा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 02:08 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 02:08 AM (IST)
जिनको अमीर बता काटे थे आटा-दाल के कार्ड, वे फिर होने लगे गरीब
जिनको अमीर बता काटे थे आटा-दाल के कार्ड, वे फिर होने लगे गरीब

जागरण संवाददाता, बठिडा: राज्य में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही कांग्रेस सरकार की ओर से 2017 के बाद की गई गलतियों को अब सुधारा जा रहा है। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही 2017 से पहले बनाए गए आटा-दाल के कार्डो की वेरिफिकेशन करवाई और उसके आधार पर जिले में 61 हजार के करीब कार्ड यह तर्क देकर काट दिए कि ये लोग अमीर हैं और इनके यह कार्ड नहीं बन सकते। वहीं अब फिर से इन लोगों को गरीब बताकर इनके कार्ड बहाल किए जा रहे हैं। 52 हजार से ज्यादा कार्ड तो बहाल भी कर दिए गए हैं।

दरअसल, यह सरकार ने इसलिए किया क्योंकि शिअद सरकार ने भी चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ लेने के लिए धड़ाधड़ नए कार्ड बनाए। हालांकि उनको तो इसका फायदा मिला नहीं, और कांग्रेस सत्ता में आ गई। सत्ता में आते ही इन कार्डो को बंद करना शुरू कर दिया। अब फिर से चुनाव नजदीक हैं तो अब कांग्रेस सरकार फिर से नए कार्ड बनाकर इसका फायदा लेना चाहती है। सरकार की इस कार्यवाही से साफ जाहिर होता है कि अब बठिडा में लोग फिर से गरीब होने लगे हैं। कार्ड काटते समय तर्क दिया गया था कि ये लोग अमीर हैं, जो गरीबों का अनाज खा रहे हैं। मगर अब फिर से नए कार्ड बनाने हैं तो इन्हें गरीब बताया जा रहा है। सरकार का आदेश मान सर्वे के नाम पर कार्ड बहाल कर रहे अधिकारी हालांकि विभाग के अधिकारी सिर्फ सरकार के आदेश मानकर इनको सर्वे के नाम पर बहाल कर रहे हैं। अगर जिले की बात की जाए तो 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले यहां पर 2.23 लाख कार्ड होल्डर थे। इसमें से 61 हजार के करीब कार्ड काट दिए दिए थे, जिसके चलते जिले में इनकी गिनती 1.62 लाख रह गई थी। अब बीते एक साल से फिर से नए कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिनसे गिनती अब 2.14 लाख हो गई है। इसको लेकर एएफएसओ संजीव भाटिया का कहना है कि विभाग की ओर से अब पूरी वेरिफिकेशन करने के बाद ही लोगों के कार्ड बनाए जा रहे हैं। नए कार्ड बनाने के लिए होलोग्राम लगता है, जिसको स्कैन करने के बाद कार्डधारक की पूरी जानकारी आ जाती है। किसी भी ऐसे व्यक्ति का कार्ड नहीं बनाया जा रहा, जो योजना के अधीन नहीं आता।

गाड़ी, कोठी, जमीन और सरकारी नौकरी वालों के भी बने कार्ड पंजाब सरकार की आटा-दाल स्कीम के तहत एसी गाड़ियों, कोठी व जमीन या सरकारी नौकरी वाले लोगों ने भी चुनावों का फायदा उठाते हुए घर की महिलाओं के नाम पर कार्ड बनवा रखे थे। यह खुलासा पंजाब सरकार की ओर से करवाए सर्वे में हुआ, जबकि 2017 के चुनाव से पहले अक्टूबर से जनवरी के बीच सियासी लाभ लेने के मकसद से यह कार्ड बिना वेरिफाई किए बनाए गए, जबकि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ऐसे लोगों के कार्ड बनाए जाते हैं जिनके परिवार के सभी साधन मिलाकर आमदन 60 हजार से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। घर में चार पहिया वाहन या एसी नहीं होना चाहिए। परिवार के पास ढाई एकड़ से ज्यादा जमीन नहीं होनी चाहिए।

बठिडा में कार्ड काटने पर हुआ था विरोध विधानसभा चुनाव से पहले आटा-दाल स्कीम के कार्ड जमकर बांटे गए। बठिडा शहरी एरिया में ही सबसे ज्यादा जाली कार्ड पाए गए। शहरी एरिया के ही 39,685 कार्डों में से 22,769 कार्ड अयोग्य पाए गए। यह कुल बने कार्ड का 57.37 फीसदी बनता है। ऐसे में जब लोगों ने इसका विरोध करते हुए वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के पास इसका मुद्दा उठाया तो कार्डों को फिर से बहाल किया जाने लगा। ऐसा कर सरकार सारा क्रेडिट खुद लेना चाहती थी, लेकिन अब हालात तो यह हैं कि लोग दफ्तर में अपने कार्ड बहाल करवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं।

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