सीबीएसई 10वीं की परीक्षाएं रद: विद्यार्थी बोले, पूरे साल की मेहनत पर फिरा पानी

कोरोना के बढ़ते कहर के चलते बुधवार को सीबीएसई बोर्ड की तरफ से 10वीं की परीक्षा रद कर दी गई जबकि 12वीं की परीक्षा स्थगित कर दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 05:41 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 05:41 AM (IST)
सीबीएसई 10वीं की परीक्षाएं रद: विद्यार्थी बोले, पूरे साल की मेहनत पर फिरा पानी
सीबीएसई 10वीं की परीक्षाएं रद: विद्यार्थी बोले, पूरे साल की मेहनत पर फिरा पानी

जासं, बठिडा: कोरोना के बढ़ते कहर के चलते बुधवार को सीबीएसई बोर्ड की तरफ से 10वीं की परीक्षा रद कर दी गई, जबकि 12वीं की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। ऐसे में पेपरों की तैयारियों में जुटे 10वीं के छात्र परेशान हो गए हैं। उनका कहना है कि वह अच्छे से परीक्षा देकर अच्छे अंक हासिल कर सकते थे, लेकिन अब उनका भविष्य दांव पर लग गया है। उनकी पूरे साल की मेहनत पर पानी फिर गया है। बठिडा के 50 स्कूलों के लगभग दस हजार विद्यार्थी अब परीक्षा नहीं दे पाएंगे, जिस कारण विद्यार्थी और उनके अभिभावक दोनों चितित हैं। वहीं शिक्षक परेशान हैं कि अगर परीक्षा नहीं होगी तो 11वीं में छात्र किस आधार पर विषय का चुनाव करेंगे। मेरिट तय करना स्कूलों के लिए बड़ी चुनौती होगी। पहली बार ऐसा हो रहा है जब सीबीएसई ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा पूरी तरह रद्द कर दी है। परीक्षा हर हाल में होनी चाहिए

कोरोना के कारण पूरा साल आलाइन क्लास चली थी। इंटरनेट की समस्या के कारण क्लास सही से नहीं ली जाती थी। आनलाइन क्लास से बोर्ड परीक्षा की तैयारी अच्छे से नहीं हो सकी, लेकिन परीक्षा रद होने के बारे में नहीं सोचा था। मैं परीक्षा होने के पक्ष में हूं, क्योंकि मैं परीक्षा की तैयारी पूरी कर चुकी थी।

-रितिक, 10वीं की छात्रा। सभी ने कड़ी मेहनत की है

10वीं कक्षा की परीक्षाएं रद नहीं होनी चाहिए थीं, क्योंकि सभी छात्रों ने परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत करके पढ़ाई की थी। 10वीं कक्षा में इंटरनल अंक काफी महत्व रखते हैं। ऐसे में अब सीबीएसई द्वारा पिछली परीक्षा के परिणाम के बेस पर परिणाम घोषित किया जाएगा, जिससे काफी बच्चों का परिणाम प्रभावित होगा। अगर 10वीं कक्षा की परीक्षा आयोजित होती तो बच्चे अपनी क्षमता अनुसार पेपर देते औैर उनका परिणाम उसी अनुसार आता।

- प्राची, 10वीं की छात्रा भविष्य की योजनाएं कैसे बनेंगी

12वीं कक्षा की परीक्षाएं स्थगित नहीं होनी चाहिए थीं, क्योंकि 12वीं कक्षा पास करने के बाद सभी विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर योजनाएं बनाते हैं कि उन्हें क्या करियर चुनना है। परीक्षा स्थगित होने के बाद अब विद्यार्थियों पर पढ़ाई का अतिरिक्त दबाव बना रहेगा, क्योंकि सीबीएसई की ओर से जब भी डेटशीट जारी की जाएगी, तभी विद्यार्थियों को परीक्षा देनी होगी। ऐसे में विद्यार्थी न तो बीच में पढ़ाई छोड़ सकते हैं औैर न ही पढ़ाई पर पूरा फोकस कर सकेंगे।

- शिवानी,12वीं कक्षा छात्रा। मानसिक तनाव झेलना पड़ेगा

सीबीएसई की डेटशीट के अनुसार परीक्षाओं की तैयारियां की जा रही थी, लेकिन बुधवार को बोर्ड ने 12वीं कक्षा की परीक्षाएं स्थगित करने की घोषणा की है, जोकि काफी आश्चर्यजनक समाचार है। पिछले एक साल से मैं पढ़ाई को लेकर कड़ी मेहनत कर रही थी कि परीक्षा अच्छे नंबरों से पास करूंगा। परीक्षाएं स्थगित होने के कारण अब उन्हें फिर से लंबे समय तक पढ़ाई करनी पड़ेगी, इससे उनको मानसिक तनाव झेलना पड़ेगा।

-जोबन 12वीं का छात्र। ज्यादा मेहनत करने से कतराएंगे विद्यार्थी: डा. निधि

दसवीं की परीक्षा रद करना व बारहवीं की स्थगित करना कोई हल नहीं है। बच्चे पहले से ही अंडर प्रेशर चल रहे हैं। बच्चों ने पूरा साल मेहनत की हुई है और अब परीक्षा रद कर दी गई। बोर्ड को चाहिए था कि परीक्षा सेंटर बढ़ा दिए जाते और कोरोना की गाइडलाइंज को अडाप्ट किया जाता। परीक्षा रद करने के कारण मेरिट किस आधार पर बनेगी। अगर समेस्टर सिस्टम होता तो भी ठीक था। छात्र सालाना परीक्षा पर ही पूरा जोर देते हैं। कितनी देर तक बोर्ड परीक्षा को स्थगित कर सकता है। अभी कोरोना जाने वाला नहीं है। नीट व अन्य एंट्रेंस परीक्षाओं की तारीखें पहले से ही घोषित की जा चुकी हैं। ऐसे में पूरा सिस्टम ही हिल जाएगा। विद्यार्थी ज्यादा मेहनत करने से कतराएंगे।

डा.निधि गुप्ता,मनोचिकित्सक

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