सरकारी स्कूलों में बच्चे अब भी कर रहे किताबों का इंतजार

वर्ष पूरे होने पर भी बचों को किताबें नहीं मिल पाई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 09:34 PM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 05:32 AM (IST)
सरकारी स्कूलों में बच्चे अब भी कर रहे किताबों का इंतजार
सरकारी स्कूलों में बच्चे अब भी कर रहे किताबों का इंतजार

संस, बठिडा: शिक्षा विभाग द्वारा दाखिले के समय दावे किए जाते रहे हैं कि विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में निश्शुल्क शिक्षा के साथ किताबें भी दी जाती हैं, लेकिन यह सभी दावे हवा होते हुए नजर आ रहे हैं। वर्ष पूरे होने पर भी बच्चों को किताबें नहीं मिल पाई हैं। वहीं सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए छठी से लेकर बारहवीं तक की कक्षाओं के सितंबर टेस्ट लिए गए हैं, लेकिन जब परीक्षाएं हुई तो कुछ बातें विभाग के सामने आई कि इतना समय बीत जाने के बाद भी बच्चों को किताबें नहीं मिल पाई है।

अभिभावकों व विद्यार्थियों की मांग के बावजूद भी किताबें नहीं मिलने से पढ़ाई रुकी हुई है। इस कारण डायरेक्टर जनरल स्कूल शिक्षा कम स्टेट प्राजेक्ट व समग्र शिक्षा अथारिटी ने पत्र जारी कर बीपीईओ को पुस्तकें जल्द से जल्द भेजने के लिए कहा है ताकि बच्चों को पढ़ने व परीक्षाओं में परेशानी का सामना न करने पड़े। शिक्षा विभाग के अनुसार काफी समय से जांच कर सामने आया है कि कुछ स्कूलों में विद्यार्थियों को किताबें नहीं मिल पाई हैं। इसके अलावा विद्यार्थियों को सिखाने के स्तर में सुधार करने के लिए में कई तरह सामग्री मुख्य दफ्तर की तरफ से छपाकर भेजी जाती है, लेकिन इसके बाद ब्लाक दफ्तरों में डंप की गई है। जिसके बाद विद्यार्थियों को कोई लाभ नहीं मिला है। बढ़ी हुई संख्या के अधार पर मिलनी चाहिए थी किताबें

इस बार सरकारी स्कूलों में कोरोना के कारण काफी बच्चे निजी स्कूलों से आए हैं। इस कारण बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। कुछ बच्चे अंग्रेजी माध्यम के हैं, जिनको अभी तक एसएसटी, मैथ्स व साइंस की किताबें नहीं मिली हैं, क्योंकि विभाग के पास अंग्रेजी माध्यम की किताबें नहीं आई थीं। इस कारण बच्चों को सितंबर टेस्ट की परीक्षाओं में भी परेशानी उठानी पड़ी थी। अब विभाग ने स्कूलों में बढ़ी हुई संख्या के अनुसार बच्चों को किताबें मुहैया करवाने को कहा है।

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