भाजपा ने किया निगम चुनाव में हार पर मंथन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से शनिवार को कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 08:51 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 08:51 PM (IST)
भाजपा ने किया निगम चुनाव में हार पर मंथन
भाजपा ने किया निगम चुनाव में हार पर मंथन

जागरण संवाददाता, बठिडा: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से शनिवार को कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई। इसमें निगम चुनाव को लेकर भाजपा के प्रत्याशियों की हुई हार को लेकर मंथन किया गया। बैठक की अध्यक्षता भाजपा के जिला प्रभारी विनोद गुप्ता ने की।

बैठक में लंबे विचार-विमर्श के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया के कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध के चलते न तो शहर में केंद्रीय कार्यालय खोला खोला जा सका और न ही प्रदेश के नेता यहां पर आकर प्रत्याशियों को कोई मार्गदर्शन दे सके। पार्टी के सभी प्रत्याशी नए थे। उन्हें चुनाव का कोई तजुर्बा नहीं था। प्रचार के दौरान भी उन्हें रुकावटों का सामना करना पड़ सका। जिला प्रभारी विनोद ने तमाम सदस्यों के विचार जानने के बाद कहा के इन कठिन हालातों में चुनाव लड़ना भी एक बहादुरी का काम था। ऐसे में चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों का मान सम्मान किया जाना चाहिए। बैठक में अशोक भारती, मोहित शर्मा, विजय सिगला, श्याम लाल बंसल, नवीन सिगला, पूर्व डिप्टी मेयर गुरिदर पाल कौर मांगट, नवीन सिगला, सुनील सिगला, नरेंद्र मित्तल, गुलशन वधवा, नीरज जोड़ा आदि सभी मौजूद थे। प्रत्याशियों के चयन में देरी भी बनी वजह

इस दौरान कुछ नेताओं ने यह भी कहा के प्रत्याशियों के चयन में देरी हुई है। प्रत्याशियों का चयन बहुत ज्यादा देर से होने के कारण उन्हें अन्य पार्टियों के मुकाबले प्रचार करने का मौका भी नहीं मिला। पार्टी को भविष्य में इस तरह के निर्णय जल्दी करने चाहिए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा और निगम चुनाव के प्रभारी लगाए गए पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने बठिडा आकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर करने की कोशिशें कीं, लेकिन इस दौरान भी किसानों ने उनका घेराव कर लिया। जिला प्रधान के आजाद लड़ने का मुद्दा भी उठा

बैठक में कुछ नेताओं ने भाजपा के जिला प्रधान विनोद कुमार बिटा की तरफ से आजाद तौर पर चुनाव लड़ने का मुद्दा भी उठाया। कहा कि इससे जिले की भाजपा में गलत संदेश गया है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। हालांकि इस पर विनोद बिटा ने अपनी सफाई भी दी व कहा कि यह उनकी मजबूरी थी। पार्टी इसके लिए उन्हें जो भी सजा देती है, वह उसे स्वीकार करेंगे। लेकिन वह पार्टी के वफादार सिपाही हैं और हमेशा भाजपा में ही रहेंगे।

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