बेसहारा पशु ने ली आढ़ती की जान
नगर निगम की लापरवाही के चलते एक बेसहारा पशु ने शहर के एक आढ़ती की जान ले ली।
जागरण संवाददाता, बठिडा: नगर निगम की लापरवाही के चलते एक बेसहारा पशु ने शहर के एक आढ़ती की जान ले ली। घटना बीते बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे की है।
ग्रीन सिटी निवासी 45 वर्षीय आढ़ती राजिदर गर्ग उर्फ बाबी बीती रात स्कूटी पर अपने ग्रीन सिटी स्थित घर जा रहा था। ग्रीन सिटी के नजदीक बीच सड़क बैठे एक पशु से उसकी स्कूटी उसके साथ जा टकरा गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु से शहर के आढ़तियों व लोगों में जहां शोक है, वहीं नगर निगम के खिलाफ भी गुस्सा है। हादसे के बाद ही निगम शुरू करता है मुहिम
नगर निगम ने करीब एक वर्ष से शहर में घूम रहे बेसहारा पशुओं की पकड़ने की मुहिम को ठप कर रखा है। कोई हादसा होने पर ही अधिकारियों की ओर से पशुओं को पकड़ने की मुहिम शुरू की जाती है। कुछ पशु पकड़ने के बाद फिर से हाथ पे हाथ रखकर बैठ जाते हैं। असल में इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि निगम के पास पशुओं को पकड़कर किसी गोशाला में छोड़ने की जगह नहीं है। हालात ये हैं कि करीब एक वर्ष के दौरान ही आधा दर्जन लोगों की बेसहारा पशुओं से टकराने मौत हो चुकी है, जबकि दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप में जख्मी हो चुके हैं। हादसे के लिए नगर निगम ही जिम्मेदार: गोयल
शहर में इस समय पांच हजार से अधिक बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। हालांकि करीब दो महीने पहले शहर की एक अदालत ने शहर में बेसहारा पशुओं की वजह से होने वाली मौतों या घायल होने के लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहराने का फैसला भी सुनाया है। इसके बावजूद नगर निगम की तरफ से इन पशुओं को पकड़ने की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जागो ग्राहक संस्था के सचिव और आरटीआइ एक्टिविस्ट संजीव गोयल ने कहा कि अदालत के फैसले के अनुसार इस मौत के लिए स्पष्ट तौर पर निगम ही जिम्मेदार है।