बच्चों के शोषण के खिलाफ बुलंद कर रहीं आवाज

समाज में बचों के साथ होने वाले यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं। इसके तहत अपने बचों को गुड टच व बेड टच के बारे में बताना बेहद जरूरी हो गया है। इस मुहिम को लेकर ही अनामिका संधू पिछले तीन वर्षों से राज्य के विभिन्न निजी और सरकारी स्कूलों में छात्रों को गुड टच बैड टच के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित कर रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 08:15 AM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 08:15 AM (IST)
बच्चों के शोषण के खिलाफ बुलंद कर रहीं आवाज
बच्चों के शोषण के खिलाफ बुलंद कर रहीं आवाज

संस, बठिडा : समाज में बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं। इसके तहत अपने बच्चों को गुड टच व बेड टच के बारे में बताना बेहद जरूरी हो गया है। इस मुहिम को लेकर ही अनामिका संधू पिछले तीन वर्षों से राज्य के विभिन्न निजी और सरकारी स्कूलों में छात्रों को गुड टच, बैड टच के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित कर रही हैं। अनामिका एक निजी स्कूल में काम कर रही है। इसके साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व बेटी को शोषण से बचाओ अभियान भी चला रही है। अनामिका कहती है कि सामाजिक कलंक और शर्म का डर अक्सर बाल यौन शोषण और घरेलू हिसा के शिकार लोगों को दोषियों के खिलाफ बोलने से रोकता है। उनकी वास्तविक कहानियों को प्रकट करने से दोषियों का चेहरा साफ किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप हमारे बच्चों के लिए एक सुरक्षित पर्यावरण होगा। अनामिका एक ऐसी महिला है, जिन्होंने यौन शोषण के खिलाफ आवाज नहीं उठाई बल्कि ऐसा करने वाले को भी नहीं बख्शा। वह अकेले ही सारा खर्च उठाकर जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन करती रही हैं। शोषण करने वाले अधिकतर रिश्तेदार ही

अनामिका ने बताया कि अपने जीवन में एक ऐसा हादसा देखा था जिसे देखकर ऐसा लगा कि बच्चियों व उनके माता पिता को जागरूक करना बेहद जरूरी है। इसलिए तभी उन्होंने अपने मन में ठान लिया था, कि वह बच्चियों को गुड टच बेड टच के बारे में जागरूक करेंगी। उन्होंने बताया कि सबसे पहला कार्यक्रम मुक्तसर में लगाया था। उस समय सामने आया कि ज्यादातर शोषण का शिकार होने वाले बच्चों के दोषी उनके अपने ही होते हैं। इसलिए बच्चियों को समझना बेहद जरूरी है।

60 से अधिक करवा चुकी है सेमिनार

अनामिका संधु ने यौन शोषण के खिलाफ जो बीड़ा उठाया है। उनको उन्होंने सिर्फ जिले तक नहीं रखा। राज्य के विभिन्न जिलों में करीब 60 से अधिक वर्कशाप का आयोजन कर चुकी है। हर गांव व शहरों में जाकर लोगों व बच्चियों को जागरूक कर रही है। इसके अलावा कार्टून फिल्म के जरिए भी बच्चों को समझा रही है।

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