बाजार रहे बंद, डायवर्ट रूट पर भी किसानों ने धरना लगाकर रोका रास्ता
किसान संगठनों को ओर से 27 सितंबर को घोषित भारत बंद के तहत दोनों जिलों बठिंडा व मानसा के सभी बाजार बंद रहे।
जागरण टीम, बठिडा/मानसा: केंद्र सरकार की ओर से पास किए गए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों को ओर से 27 सितंबर को घोषित भारत बंद के तहत दोनों जिलों बठिंडा व मानसा के सभी बाजार बंद रहे। मेडिकल की दुकानों को छोड़कर जरूरी वस्तुओं की दुकानें भी बंद रहीं। यहां तक कि बस स्टैंड से सरकारी व प्राइवेट बसों को भी नहीं चलाया गया। वहीं ट्रेनों का संचालन भी बाधित रहा। बंद के दौरान दोनों जिलों में जगह-जगह पुलिस बल तैनात रहा, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।
वहीं गांवों में किसानों ने सुबह पांच बजे ही धरने लगाकर सड़कों को बंद कर दिया था। किसानों की ओर से जिले में लगाए गए धरनों के दौरान मुख्य सड़कें तो बंद ही रहीं, साथ में किसानों ने लिक सड़कों को भी जाम कर दिया। इस कारण आने-जाने वाले लोगों की किसानों के साथ काफी बहस होती रही। बहुत से लोग अपने वाहनों को पीछे खड़ा कर पैदल ही चलते रहे। वहीं कुछ लोग डिवाइडरों को ही क्रास कर अपने वाहन निकालते हुए नजर आए। डायवर्ट रूट पर भी परेशान होते रहे लोग
पुलिस की ओर से मुख्य सड़कों के जो रूट डायवर्ट किए गए थे, बेशक वहां से आने वाले ट्रैफिक को पीछे से ही डायवर्ट कर दिया गया, मगर शहर में आने के लिए लोग काफी परेशान होते रहे। दूसरे शहरों से आने वाले लोग सड़कों पर ही घूमते रहे। वहीं समर्थन में उतरने वालों का कहना था कि केंद्र सरकार ने जो अब कानून पास कर दिया है, उसके साथ किसानी पक्के तौर पर डूब जाएगी। अगर पंजाब में किसानी ही न रही तो कारोबार भी नहीं रहेगा। इस मौके आप के जिला प्रधान नील गर्ग, लीगल सेल के प्रदेश उप प्रधान एडवोकेट नवदीप जीदा, बीसी विग की प्रधान मनदीप कौर रामगढि़या, महिदर सिंह फुल्लोमिट्ठी, गुरमीत सिंह रामगढि़या भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।
तलवंडी साबो में धरने पर पहुंचीं आप विधायक का विरोध तलवंडी साबो में किसानों की ओर से लगाए गए धरने में पहुंचीं आम आदमी पार्टी की विधायक प्रो. बलजिदर कौर का किसानों ने विरोध कर दिया। वह किसानों के धरने में संबोधित करने के लिए पहुंची थीं, लेकिन किसानों ने ऐलान कर दिया कि यह किसानों का धरना है, जिसमें किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को नहीं आने दिया जाएगा। किसानों ने कहा कि एक साल से किसान दिल्ली में बैठे हैं, किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। अब नेता लोग धरने में पहुंच रहे हैं, जो उनके घर के पास लगे हैं। अगर इतना ही है तो विधायक को चाहिए कि वह दिल्ली में जाकर किसानों का समर्थन करे। इसके बाद भी विधायक वहीं धरने में कुछ देर के लिए बैठ गई।