पहले करें पौधों की पहचान, फिर देखभाल कर बढ़ाए हरियाली

पर्यावरण प्रेमी पौधारोपण करने के लिए अपनी-अपनी तैयारी में जुट गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 10:23 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 10:23 PM (IST)
पहले करें पौधों की पहचान, फिर देखभाल कर बढ़ाए हरियाली
पहले करें पौधों की पहचान, फिर देखभाल कर बढ़ाए हरियाली

जागरण संवाददाता, बठिडा : पौधारोपण का सीजन शुरू हो गया है। पर्यावरण प्रेमी पौधारोपण करने के लिए अपनी-अपनी तैयारी में जुट गए हैं। उनकी ओर से लोगों को यही संदेश दिया जा रहा है कि पौधे लगाने से सबसे पहले उसकी पहचान करना जरूरी है। अगर यह पहचान सही हो जाए तो पौधे लाजमी बढ़ेंगे। गांव कोटशमीर में पिछले 2 साल से लगातार पौधे लगा रहा हूं। अब तक 50 हजार से अधिक पौधे लगा दिए गए हैं। इस काम के लिए अपनी तरफ से ढाई लाख रुपये भी खर्च कर दिए। मकसद है कि गांवों में अधिक से अधिक पौधे लगाकर उनको हरा भरा किया जाए। गांव के युवाओं को लेकर नौजवान दशमेश एंड स्पो‌र्ट्स वेलफेयर क्लब का गठन भी किया। पौधों को पशुओं से बचाने के लिए ट्री गार्ड भी लगाए। लेकिन पौधारोपण करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है उसकी पहचान करना। अगर हमें यह पता लग जाए कि इस जगह पर यह पौधा सही ढंग से बढ़ सकता है तो उसको लगाकर संभाल करना सबसे ज्यादा जरूरी है। हम अधिक से अधिक पौधे लगाकर ही वातावरण को साफ कर सकते हैं। वहीं पौधों को लगाने के लिए किसी माहिर की भी सलाह ले लेनी चाहिए।

परमजीत सिंह, गांव कोटशमीर गांव सीरिएवाला में पिछले 4 साल से लगातार पर्यावरण के साथ जुड़कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसके लिए पहले तो अपने गांव के स्कूल में ही हर्बल गार्डन तैयार किया, जिसके बाद गांव में जगह जगह पर पौधे लगाने के अलावा पार्कों का भी निर्माण किया। स्कूल के बच्चों को भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया। आने वाले समय में गांव में कोई गली यह सड़क का निर्माण किया जाएगा तो उसके आसपास पौधे लगाए जाएंगे। हमें कम से कम किसी खुशी के मौके पर तो पौधे लगाने ही चाहिए। इसके लिए हमें अपने घरों के आसपास या सार्वजिनक जगहों का चयन करना चाहिए, जहां पर पौधे लगाकर उनकी संभाल की जा सके। जबकि पौधे लगाने के लिए मिट्टी का खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए। जहां पर हमें समय समय पर खाद आदि का भी इस्तेमाल करना चाहिए।

मास्टर सुरेंद्र सिंह, गांव सीरिएवाला

आज के समय में जिस प्रकार से हरियाली कम हो रही है, उसके हिसाब से आने वाली पीढ़ी के लिए यह ठीक नहीं है। हम सबको एक प्रण लेना चाहिए कि जब भी कोई मौका आएगा तो पौधे लगाने से पीछे नहीं हटेंगे। एक पौधे को बेशक बढ़ने के लिए समय तो लगेगा, मगर उसकी संभाल सबसे ज्यादा जरूरी है। जबकि बरगद के पेड़ लगाना सबसे बड़ा काम है। अगर इसको लगाकर सही ढंग से संभाल कर ली जाए तो आने वाले कई सालों तक हमें इसकी छांव मिलती रहेगी। जबकि बरगद का पेड़ ही एक ऐसा पेड़, जिसकी छांव सबसे ज्यादा होती है। इसके बारे में लोगों को भी अधिक से अधिक जागरूक होना चाहिए। लेकिन इसको लगाने के लिए कई प्रकार की बातों को ध्यान में रखना चाहिए। मगर जागरूकता के बिना किसी भी प्रकार से पौधारोपण सफल नहीं हो सकता।

डॉ. मलकीत सिंह मान

chat bot
आपका साथी