बठिंडा में प्रशासन ने भेजे कालोनी खाली करने के नोटिस, अधिकारियों ने हाईकोर्ट से ले ली स्टे

बठिंडा की थर्मल कालोनी में रहने वाले अधिकारियों को कोठियां खाली करने के प्रशासन द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद हाईकोर्ट में पटीशन दायर की गई जिस पर हाईकोर्ट ने स्टे लगाते हुए अगली सुनवाई 4 दिसंबर को मुकर्रर की है।

By Edited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 05:39 PM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 12:46 PM (IST)
बठिंडा में प्रशासन ने भेजे कालोनी खाली करने के नोटिस, अधिकारियों ने हाईकोर्ट से ले ली स्टे
बठिंडा में स्थित थर्मल कालोनी का गेट । (जागरण)

बठिंडा [साहिल गर्ग]। बठिंडा की थर्मल कालोनी में रहने वाले अधिकारियों को कोठियां खाली करने के प्रशासन द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद हाईकोर्ट में पटीशन दायर की गई, जिस पर हाईकोर्ट ने स्टे लगाते हुए अगली सुनवाई 4 दिसंबर को मुकर्रर की है। प्रशासन ने कालोनी में अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली कोठियों में रहने वाले अधिकारियों को 15 दिनों में मकान खाली करने के नोटिस जारी किए थे। जिसके बाद आरएमओ डा. शिवानी बांसल की ओर से अपने वकील हितेश वर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में पटीशन डाली गई। जिस पर सुनवाई करते हुए स्टे लगाई गई।

दूसरी तरफ कालोनी के रिहायशी क्वार्टरों की रिपेयर के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है, जिसको 12 नवंबर को खोला जाएगा। इसके तहत क्वार्टरों में पेंट किया जाएगा। वहीं कालोनी को शिफ्ट करने से पहले प्रशासन की तरफ से सारी प्रपोजल भी तैयार की गई है। जिसके चलते सिविल लाइन एरिया में आने वाले दफ्तर पोस्ट आफिस, बीएसएनएल आफिस, बीएसएनएल रिहायशी कालोनी, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड आफिस, सैनिक भवन, जिला रेडक्रास सोसायटी आफिस, कोआपरेटिव बैंक, आफिस आफ असिस्टेंट रजिस्ट्रार कोआप्रेटिवस, पब्लिक हेल्थ आफिस, चिल्ड्रन पार्क, म्यूनिसिपल स्विमिंग पूल, मिनी सचिवालय, रोजगार भवन, महिला पुलिस स्टेशन, सखी सेंटर व जिला वेलफेयर दफ्तर के अलावा पुलिस लाइन में आने वाले दफ्तर पुलिस पब्लिक स्कूल, पुलिस एडमिनिस्ट्रेटिव इमारत, डीएसपी दफ्तर, सीएसडब्ल्यू कैंटीन, पुलिस व्हीकल वर्कशाप को शिफ्ट नहीं किया जाएगा।

65 एकड़ में बना है सिविल लाइन व पुलिस लाइन का एरिया

बठिंडा में सिविल लाइन का एरिया 40 एकड़ 24 मरले में बना हुआ है। जिसमें बने 84 बंगलों में सिविल, ज्यूडिशरी व पुलिस के सीनियर अधिकारी रह रहे हैं तो 240 फ्लैट्स में दर्जा तीन व चार के कर्मचारी रह रहे हैं। इसके अलावा पुलिस लाइन 24 एकड़ 4 कनाल 18 मरले में बनी है। इसके 5 बंगलों में सीनियर अधिकारी रह रहे हैं तो 77 जूनियर अधिकारी क्वार्टरों में रह रहे हैं। जबकि सिविल लाइन एरिया को शिफ्ट करने के पीछे तर्क दिया जाता है कि यहां पर बारिश के दिनों में पानी बहुत ज्यादा जमा हो जाता है, जिस कारण यहां के रिहायशी एरिया में रहना मुश्किल हो जाता है। वहीं जिले के चार सीनियर अधिकारियों में आइजी, जिला व सेशन जज, डीसी व एसएसपी की कोठियों को थर्मल कालोनी में नए सिरे से बनाया जाएगा। थर्मल कालोनी 283.69 एकड़ में बनी हुई है। जिसमें फिलहाल टाइप सात के सात, टाइप छह के 34, टाइप पांच के 132, टाइप 4.5 के 21, टाइप चार के 96, टाइप तीन के 405, टाइप दो के 440 व टाइप एक के 360 रिहायशी फ्लैट हैं।

प्रशासन को मिली हैं इतनी कोठियां

थर्मल कालोनी में अधिकारियों के लिए कुल 143 कोठियां हैं, जिसमें 105 कोठियों की प्रशासन अलाटमेंट कर सकता है तो 38 कोठियों की अलाटमेंट पीएसपीसीएल के हवाले है। हालांकि प्रशासन के पास टाइप सात की दो, टाइप छह की 13 व टाइप पांच की 90 कोठियां हैं, जिसमें से टाइप छह की चार व टाइप पांच की सिर्फ 16 कोठियों में ही अधिकारी रह रहे हैं। जिसके चलते बाकी सभी 85 कोठियां खाली पड़ी हैं। दूसरी तरफ पीएसपीसीएल के बोर्ड आफ डायरेक्टर्ज की 22 सितंबर को हुई मी¨टग में फैसला किया गया था कि ब¨ठडा जिला प्रशासन को थर्मल कालोनी की 985 कोठियां ट्रांसफर की जाती हैं, जिनकी अलाटमेंट वह अपने लेवल पर कर सकता है। इसमें टाइप टाइप चार की 40, टाइप तीन की 240, टाइप दो की 296 व टाइप एक की 304 कोठियां शामिल हैं।

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