मूर्ति विसर्जन आज, सरहिद किनारे नहीं कोई सुरक्षा प्रबंध
श्री गणेश चतुर्थी पर घरों में स्थापित की गई भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन रविवार को किया जाएगा।
संस, बठिडा: श्री गणेश चतुर्थी पर घरों में स्थापित की गई भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन रविवार को किया जाएगा। श्रद्धालु पूरे श्रद्धाभाव से गणपति को विदा करेंगे। ज्यादातर विसर्जन सरहिद नहर पर होता है। हालांकि कोरोना काल के चलते गत वर्ष विसर्जन नहीं हुआ था, इस बार भी जिला प्रशासन की तरफ से नहर किनारे सुरक्षा को लेकर कोई प्रबंध या तैयारियां नहीं की गई हैं, जबकि कोरोना से पहले प्रशासन की तरफ से विर्सजन को लेकर नहर किनारे खासे प्रबंध किए जाते थे।
इससे पहले सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस टीम तैनात की जाती थी। वहीं गोताखोर से लेकर नहर के किनारों को पक्का तक किया जाता था ताकि कोई हादसा न हो सके। वहीं शहर की समाजसेवी संस्थाओं की मदद ली जाती थी ताकि मूर्ति विसर्जन के दौरान होने वाले हादसों को रोका जा सके। इस बार ऐसा कोई भी प्रबंध नहीं है। समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें गणेश विसर्जन को लेकर कोई हिदायत या ड्यूटी नहीं लगाई गई। न ही उन्हें कोई आदेश जारी किए गए हैं। इसलिए उनकी तरफ से कोई खास प्रबंध नहीं किए गए हैं। ऐसे में अगर रविवार को विर्सजन के दौरान कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेवार बठिडा प्रशासन होगा।
उधर, एडीसी परमवीर सिंह ने कहा कि हर वर्ष गणेश विसर्जन के समय में किसी न किसी की ड्यूटी लगाई जाती है। इस बार भी ड्यूटी लगाई जाएगी। हजारों की संख्या में नहर किनारे पहुंचते हैं श्रद्धालु मूर्ति विसर्जित करते समय किसी भी श्रद्धालु का डूबने का खतरा बना रहता है। प्रत्येक वर्ष की भांति बड़ी तादाद में श्रद्धालु गणपति बप्पा की विशाल मूर्तियों को लेकर नहर किनारे पहुंचते हैं, मगर जिला प्रशासन द्वारा इस उत्सव के मद्देनजर नहर के किनारे पर उचित प्रबंध करवाना जरूरी नहीं समझा गया है। गौर होकि साल 2019 में गणेश विसर्जन के दौरान एक युवक मूर्ति विसर्जित करते समय डूबने लगा था, जिसे संस्था के युवकों द्वारा बचाया गया था। वहीं रेलवे ट्रैक को देखते हुए संबंधित थाना कर्मी उस जगह पर तैनात रहेंगे ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर कार्रवाई की जा सके। दो साल बाद होगा मूर्ति विसर्जन, कम लगे पंडाल
कोरोना के चलते करीब दो वर्ष बाद गणेश विसर्जन हो रहा है, जिसके लिए श्रद्धालु उत्सक तो हैं, लेकिन इस बार बहुत कम संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा नहर के किनारे पंडाल लगाए गए हैं। वहीं संस्थाओं द्वारा भी इस बार कोई खास प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं। इसके अलावा शहर के नहर के किनारे रेलवे ब्रिज भी आता है। जहां पर ट्रेन आती-जाती है। वहीं उस जगह पर नहर के किनारे गणपति विसर्जन होंगे। इस कारण यहां पर विसर्जन के वक्त किसी भी प्रकार का हादसा होने का खतरा है।