स्कूल खोलने की मांग को लेकर डीसी को दिया मांगपत्र
पंजाब सरकार के खिलाफ स्कूल खोलने की मांग लेकर काले झंडे उठाकर रोष रैली निकाली गई।
संस, बठिडा: निजी स्कूल एसोसिएशन की तरफ से पंजाब सरकार के खिलाफ स्कूल खोलने की मांग लेकर काले झंडे उठाकर रोष रैली निकाली गई। इसके बाद डीसी को मांगपत्र दिया गया।
इस दौरान अध्यापक रोशन लाल ने बताया कि बार-बार कोरोना के कारण स्कूलों को बंद कर दिया जाता है। चुनाव के दिनों में जगह-जगह भीड़ होती थी, लेकिन फिर कोरोना नहीं आया। जैसे ही स्कूल खोलने का फैसला किया है, उसके बाद स्कूल बंद करने का फैसला कर दिया है। इस कारण अध्यापकों के साथ अभिभावकों को भी परेशानी हो रही है। पहले निजी संचालक हमारा वेतन दे देते थे, लेकिन अब बिना फीसों के वेतन नहीं मिलता। इसलिए स्कूलों को खोलना जरूरी है। वहीं स्कूल बंद होने से सरकारी स्कूलों से बच्चों की पढ़ाई का काफी नुक्सान हो रहा है। इसलिए अभिभावक भी अब काफी परेशान हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना की आड़ लेकर फिर से लोगों के साथ बुरा कर रही है। अभी थोड़े दिन पहले ही लोगों की जिदगी सुधरी है। अगर सरकार ने स्कूल न खोले तो काफी अध्यापक बेरोजगार हो जाएंगे। इस दौरान अध्यापकों द्वारा काले मास्क, काली झ़ंडिया दिखाकर शांतमई ढंग से रैली निकाली गई। अध्यापकों ने कहा कि अगर फिर भी सरकार ने उनकी मांग को न माना तो आने वाले दिनों में जोरदार संघर्ष किया जाएगा। इस दौरान मास्टर माइंड पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बंगी रुघु, सचिव सरबजीत सिंह, मैनेजमेंट मेंबर हरविदर सिंह व अध्यापक शमशेर सिंह भी शामिल हुए। शिक्षण संस्थाएं बंद करने के खिलाफ सौंपा ज्ञापन पंजाब सरकार द्वारा कोरोना के कारण शिक्षा संस्थाएं बंद करने के फैसले के खिलाफ मानसा की चार जत्थेबंदियों द्वारा पंजाब सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए डीसी दफ्तर में मुख्यमंत्री पंजाब के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
पीएसएफ के खुशदीप कौर, मनप्रीत सिंह, पीआरएसयू के गुरविदर सिंह, एआइएसएफ के गुरप्रीत सिंह, गुरमुख सिंह, एसएफआई के मानव मानसा, बिदर सिंह, आइसा के प्रदीप गुरु ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा कोरोना की आड़ में सभी शिक्षा संस्थाएं बंद की गई हैं, जबकि प्रदेश के अन्य विभागों के अलावा सिनेमा हाल, धार्मिक स्थान खुले हैं और राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपनी रैलियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आनलाइन पढ़ाई के नाम पर विद्यार्थियों को मानसिक व शारीरक तौर पर कमजोर किया जा रहा है, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पंजाब सरकार अपना फैसला वापस ले और सभी शिक्षा संस्थाओं को खोलने की इजाजत दे ताकि छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें।