तीन नई सड़कों के लिए दी जाएगी 14 हजार पेड़ों की बलि, एनएचएआइ ने मांगी मंजूरी

एनएचएआइ ने वन विभाग से 14251 पेड़ काटने की मंजूरी मांगी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 05:59 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 05:59 AM (IST)
तीन नई सड़कों के लिए दी जाएगी 14 हजार पेड़ों की बलि, एनएचएआइ ने मांगी मंजूरी
तीन नई सड़कों के लिए दी जाएगी 14 हजार पेड़ों की बलि, एनएचएआइ ने मांगी मंजूरी

जागरण संवाददाता, बठिडा: जिले में एक ओर जहां वन विभाग लगातार कम हो रही हरियाली को बढ़ाने के लिए 1.50 लाख से ज्यादा पौधे लगाने का दावा कर रहा है, वहीं अब आने वाले दिनों में यह हरियाली और कम हो जाएगी। कारण, जिले से निकलने वाले तीन हाईवे की सड़कों के निर्माण के लिए नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) ने वन विभाग से 14,251 पेड़ काटने की मंजूरी मांगी है। विभाग पेड़ों की वैल्यूएशन के बाद ही इसकी मंजूरी देगा, जिसके बाद एनएचएआइ बनती फीस जमा करवाकर पेड़ों की कटाई शुरू करेगा। वहीं नए पौधे लगाने के लिए वन विभाग के पास जमीन की कमी पेश आ रही है।

बठिडा में तीन मुख्य सड़कों का निर्माण होना है। इसमें सबसे अहम सड़क बठिडा-डबवाली रोड है, जिसको सिक्सलेन किया जाना है। इस रोड के दोनों तरफ के पेड़ों को काटा जाना है, जिनकी गिनती 11,960 है। इसके अलावा अमृतसर से जामनगर तक बनने वाली रोड भी बठिडा से होकर ही गुजरेगी। हालांकि यह रोड ज्यादातार खेतों से निकलेगी, जिसके चलते इस रोड के लिए 2112 पेड़ों को काटा जाएगा। इसी प्रकार लुधियाना से बठिडा तक बनने वाली फोरलेन रोड के लिए 179 पेड़ों को काटा जाएगा। अमृतसर से जामनगर व लुधियाना से बठिडा तक बनने वाली दोनों सड़कें आगे बठिडा से डबवाली को बनने वाली सिक्सलेन रोड के साथ जुड़ेंगी। अब तक नहीं लगाए गए मलोट रोड से काटे 14 हजार पेड़ बीते साल भी बठिडा से मलोट तक फोरलेन रोड के लिए 14 हजार पेड़ों को काटा गया था। इसके लिए बाकायदा जंगलात विभाग को 62 लाख रुपये की आमदन भी हुई, लेकिन काटे गए पेड़ों को लगाने का कोटा आज तक पूरा नहीं हो पाया। हालांकि विभाग की ओर से इन 62 लाख रुपये से रोड पर आते पांच गांवों में सोलर लाइट्स को लगाने का प्रोजेक्ट तैयार किया जा चुका है। मगर पेड़ लगाने को लेकर हर बार जगह का अभाव होने का तर्क दिया जाता है।

गांव जीदा तक विकसित की जा रही ग्रीन बेल्ट

जंगलात विभाग की ओर से बठिडा-अमृतसर रोड पर गांव जीदा तक ग्रीन बेल्ट विकसित की गई है। दावा किया जा रहा है कि हजारों पेड़ लगाकर जिले की हरियाली को बढ़ाया जाएगा। इसके बावजूद यह पेड़ पहले से काटे गए पेड़ों की कमी को पूरा नहीं कर सके। वन विभाग ने एक साल में लगाए 2.64 लाख पौधे डिवीजनल जंगलात अधिकारी स्वर्ण सिंह का कहना है कि अधिक से अधिक पौधे लगाकर जिले में ग्रीनरी बढ़ाने के लिए कोशिश की जा रही है। इसके चलते साल 2021-22 के दौरान अब तक 2.64 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। इनमें 16 हजार पेड़ तो अकेले सड़कों के किनारे लगाए गए हैं। वहीं अब जो पेड़ काटने के लिए मंजूरी मांगी गई है, उसके लिए पेड़ों की वैल्यूएशन की जा रही है। हर पेड़ की वैल्यूएशन अलग-अलग होती है।

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