दिल्ली संघर्ष से लौटे किसान युवक ने घर में फंदा लगाकर की आत्महत्या

गांव जैमल सिंह वाला में 25 वर्षीय युवा किसान ने वीरवार देर रात घर में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 04:14 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 04:14 PM (IST)
दिल्ली संघर्ष से लौटे किसान युवक ने घर में फंदा लगाकर की आत्महत्या
दिल्ली संघर्ष से लौटे किसान युवक ने घर में फंदा लगाकर की आत्महत्या

जासं, बरनाला : गांव जैमल सिंह वाला में 25 वर्षीय युवा किसान ने वीरवार देर रात घर में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को सिविल अस्पताल बरनाला के मोर्चरी में रखवाया है। जहां किसान यूनियन की ओर से अगले फैसले तक पोस्टमार्टम नहीं करवाया जाएगा। मृतक की पहचान सतवंत सिंह के रूप में हुई है। सतवंत का परिवार भाकियू सिद्धपूर से जुड़ा हुआ है और किसान संघर्ष में आगे रहा है। सतवंत सिंह पिछले पांच महीने से केंद्र के खिलाफ संघर्ष में शामिल रहा। वह दिल्ली भाकियू सिद्धपूर के साथ मोर्चा पर शामिल रहा। वीरवार देर शाम को ही दिल्ली से लौटा था। सतवंत सिंह दिल्ली संघर्ष में गर्मी के कारण किसानों को आने वाली समस्या को लेकर ट्रालियां पर लकड़ी से किए गए इंतजाम को देखने गया था। जहां ट्रालियों पर गर्मी से राहत को लेकर किस प्रकार के माडल बनाए हैं, यह सब देखकर गांव लौटा था। वीरवार को ही देर रात अपने कमरे में फंदा लगाकर सतवंत ने आत्महत्या कर ली।

गांव में खेती व लकड़ी का काम करता था

गांव जैमल सिंह वाला के सरपंच सुखदीप सिंह ने बताया कि 25 वर्षीय किसान सतवंत सिंह पुत्र गुरचरण सिंह दो कनाल जमीन पर खेती करता था। इसके साथ वह लकड़ी का काम करता था। सतवंत तीन तीन भाई बहन हैं। उसकी बहन शादीशुदा है व भाई अहमदाबाद में फौज में तैनात है। कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष में सतवंत सिंह शुरू से ही जुड़ा हुआ था। दिल्ली संघर्ष में किसानों की हालत व हर दिन किसी न किसी किसान की मौत को लेकर काफी चितित था और मानसिक परेशान चल रहा था। सतवंत सिंह हर समय संघर्ष को लेकर बात करता रहता था। वह कहता था कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई, तो किसान खत्म हो जाएगा। किसान की जमीन छीन ली जाएगी व किसान खत्म हो जाएगा। इन्हीं बातों को वह सोचता रहता था। इस कारण उसने आत्महत्या कर ली।

जनवरी में ही महलकलां निवासी युवती से हुई थी तय शादी--

सतवंत के पिता गुरचरण सिंह ने बताया कि उसके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा फौज में नौकरी करता है। सतवंत घर में लकड़ी का काम व खेती करता था। उन्होंने बताया कि जनवरी की शुरुआत में ही महलकलां की एक लड़की से उसकी शादी तय हुई थी और मंगनी हो गई थी, लेकिन किसानों के संघर्ष को देखते हुए उसने देरी से शादी करनी थी। अब उसकी बारात से पहले उसकी अर्थी निकालनी पड़ेगी।

मुआवजा की मांग पूरी होने के बाद ही पोस्टमार्टम करवाया जाएगा

भाकियू सिद्धपूर के जिला प्रधान जसपाल सिंह कलाल माजरा व जिला वाइस प्रधान करनैल सिंह गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि विरोधी कानून बरनाला में दो दर्जन से अधिक किसानों को निगल चुकी है। सतवंत सिंह मौत बहुत ही दुखदाई है। कुछ समय पहले उसकी मंगनी तय हुई थी और शादी की तैयारी चल रही थी। यूनियन द्वारा परिवार को सरकारी नौकरी, कर्ज माफी व मुआवजा की मांग को पूरा होने के बाद ही पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।

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