भदौड़ व हंडिआया में नहीं शुरू हुई खरीद, किसानों ने किया प्रदर्शन

जिले के कस्बा भदौड़ व हंडिआया की अनाज मंडी गेहूं की फसल से पूरी तरह भर चुकी है और सरकार की ओर से 10 अप्रैल से बोली शुरू करवाने का फैसला महज कागजों तक सीमित होता प्रतीत हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 06:27 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 06:27 PM (IST)
भदौड़ व हंडिआया में नहीं शुरू हुई खरीद, किसानों ने किया प्रदर्शन
भदौड़ व हंडिआया में नहीं शुरू हुई खरीद, किसानों ने किया प्रदर्शन

करण बावा, साहिब संधू, बरनाला

जिले के कस्बा भदौड़ व हंडिआया की अनाज मंडी गेहूं की फसल से पूरी तरह भर चुकी है और सरकार की ओर से 10 अप्रैल से बोली शुरू करवाने का फैसला महज कागजों तक सीमित होता प्रतीत हो रहा है। दो दिन बीतने के बाद सोमवार को भी कस्बा भदौड़ व हंडिआया के किसानों की गेहूं की फसल की बोली नहीं लगी है। खरीद शुरू न होने के कारण किसानों ने रोष प्रदर्शन किया।

कस्बा हंडिआया के किसान हरपाल सिंह, चीमा सिंह, गुरप्रीत सिंह, भरपूर सिंह ने कहा कि वह करीब चार दिन पहले मंडी में अपनी गेहूं की फसल लेकर आए थे। अभी तक उनकी फसल की बोली नहीं हुई है व न ही मंडी में बारदाना पहुंचा है। उन्हें दिन-रात बेसहारा पशुओं व अन्य मुश्किलों के चलते मंडी में ही रहकर फसल की निगरानी करनी पड़ रही है।

किसान गुरमेल सिंह, नछतर सिंह, लखवीर सिंह, हरपाल सिंह, मिट्ठू सिंह ने कहा कि सरकार की नीतियां किसान विरोधी हैं क्योंकि जिन किसानों ने ठेके पर जमीन लेकर फसल उगाई है। उनका जमीन मालिकों से झगड़ा होने की संभावना पैदा हो गई है क्योंकि यदि फसल की कीमत जमीन मालिक के खातें में सीधी आती है तो जिन किसानों ने जमीन का ठेका पहले ही दे दिया है वह कहां जाएंगे। यदि जमीन के मालिक ने फसल की कीमत समय पर या पूरी नहीं दी तो आपसी मतभेद पैदा होंगे। इसी तरह यदि आढ़तियों को निकाल दिया गया तो भी किसान का नुकसान ही होगा क्योंकि आढ़ती किसान का एटीएम है। वह जब चाहें आढ़ती से पैसे ले सकते हैं कितु यदि आढ़ती ही न रहा तो वह मुश्किल की घड़ी में किसके आगे हाथ फैलाएंगे।

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भदौैड़ मंडी में भी नहीं शुरू हुई खरीद

भदौड़ अनाज मंडी में गेहूं की फसल की बोली नहीं लगने से दुखी किसानों ने केंद्र व पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसान कर्मजीत सिंह ने बताया कि आठ अप्रैल से किसान मंडियों में बैठे हैं कितु कोई भी अधिकारी उनकी फसल की बोली करवाने के लिए नहीं पहुंचा। सरकार ने पहले ही बोली की 10 दिन लेट रखी है। अब 10 दिन के बाद भी किसी अधिकारी ने आकर उनकी खबर-सार नहीं ली है। तीन दिन के बाद भी अब तक उनकी फसल की बोली नहीं हुई है। किसानों ने एकजुट होकर मार्केट कमेटी के दफ्तर अधिकारियों से बातचीत की। अधिकारियों ने किसानों से कहा कि मंगलवार तक उनकी फसल की बोली हो जाएगी व किसानों को कोई दिक्कत पेश नहीं आने दी जाएगी।

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