साइप्रेस जाकर पति नहीं ले रहा पत्नी व बेटे की सुध, पीडि़ता मांग रही इंसाफ
जिले के कस्बा भदौड़ की रहने वाली सरबजीत कौर अपने आठ वर्षीय बेटे अरनव के साथ इंसाफ के लिए भटक रही हैं।
हेमंत राजू, बरनाला
जिले के कस्बा भदौड़ की रहने वाली सरबजीत कौर अपने आठ वर्षीय बेटे अरनव के साथ इंसाफ के लिए भटक रही है। प्रशासनिक अधिकारियों ने उसकी कोई सुनवाई नहीं की। पीड़िता ने अब इंसाफ लेने के लिए किसान संगठनों का सहयोग लेकर महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी के समक्ष गुहार लगाई है।
महेंद्र सिंह की बेटी सरबजीत कौर ने बताया कि उसकी शादी 2008 में भाईरूपा जिला बठिडा के एक युवक के साथ हुई। वह आइलेट्स करके अपने पति के साथ स्पाऊस वीजे पर दोनों इंग्लैंड चले गए। 2012 में उनके घर बेटे अरनव सिंह ने जन्म लिया। इंग्लैंड पीआर नहीं मिलने के कारण सरबजीत कौर, बेटा अरनव व पति स्वदेश लौट आए। 2016 में आरोपित पति उसके मायका परिवार से छह लाख रुपये लेकर साइप्रस चला गया व 2018 तक मोबाइल पर बातचीत होती रही। वह अपने बेटे अरनव के साथ ससुराल घर गांव भाईरूपा में रहती रही। 2018 के बाद पति ने फोन उठाना बंद कर दिया। पति ने एक आईफोन मुझे गिफ्ट में भेजा, जब उसका लाक खुलवाया तो उसमें उसके पति की एतराज योग्य हालत में एक अन्य लड़की के साथ फोटो सामने आ गई। ससुराल वालों ने भी तंग करना शुरू कर दिया व अब वह अपने मां-बाप के घर रह रही है। तब से लेकर अब तक वह जिले के विभिन्न अफसरों के पास इंसाफ लेने के लिए धक्के खा रही है।
भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के नेता जगदेव सिंह ने कहा कि सरबजीत के परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए यूनियन उन के साथ खड़ी है।
--------------------
उन्हें शिकायत मिल गई है। दोनों पक्षों को थाने बुलाया गया है। जांच उपरांत आरोपित पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
-- कुलवंत सिंह, जांच अधिकारी