बरनाला में किसानों का संघर्ष 202वें दिन भी जारी

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद्द करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठनों द्वारा रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग स्थल के समक्ष रोष धरना देकर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 05:25 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 05:25 PM (IST)
बरनाला में किसानों का संघर्ष 202वें दिन भी जारी
बरनाला में किसानों का संघर्ष 202वें दिन भी जारी

संवाद सूत्र, बरनाला

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद्द करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठनों द्वारा रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग स्थल के समक्ष रोष धरना देकर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। मंगलवार को किसानों का रोष प्रर्शन 202वें दिन में प्रवेश कर गया। इसी प्रकार टोल प्लाजा महलकलां व टोल प्लाजा बडबर व भाजपा के जिला प्रधान यादविदर शैंटी के ग्रह निवास के बाहर भी रोष धरना जारी रहा। किसान संगठनों द्वारा संघेड़ा भदलवड्ड रोड पर स्थित पेट्रोल पंप के समक्ष भी रोष धरना दिया गया। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की ब्लॉक महल कलां इकाई द्वारा संगठन के ब्लॉक प्रधान जज सिंह गहल की अगुआई में लुधियाना-बरनाला मुख्य मार्ग पर गांव भदलवड़ व संघेड़ा के मध्य स्थित पैट्रोल पंप पर पक्का मोर्चा लगाया गया। किसान युवकों, महिलाओं व मजदूरों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते खेती कानून तुरंत रद्द करने की मांग की। धरने को संबोधित करते बलवंत सिंह उप्पली, करनैल सिंह गांधी, उजागर सिंह बेहला, गुरनाम सिंह ठीकरीवाला, नछतर सिंह, प्रेमपाल कौर, हरचरण चन्ना, मनजीत राज, मेला कट्टू, गुरदर्शन दिओल, सबिल मंडेर, बलवीर कौर, बाबू सिंह ने कहा कि संघर्ष दौरान 350 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं कितु सरकार का व्यवहार अमानवीय हो चुका है। यह लड़ाई बेहद नाजुक दौर में पहुंच चुकी है। किसानों के लिए यह संघर्ष जीतना बेहद जरूरी है। किसानों को अपनी फसलें व नसलें बचाने के लिए सब कुछ दांव पर लगाना पडेगा। बीरा सेखां, नरिदरपाल सिगला, गुरमेल सिंह गुरने, केवल उप्पली ने कविताएं व गीत पेश किए।

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