कृषि सुधर कानून रद होने तक जारी रहेगा धरना : किसान संगठन

कृषि कानून रद की मांग को लेकर किसान संघर्ष पर डटे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 10:26 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 10:26 PM (IST)
कृषि सुधर कानून रद होने तक जारी रहेगा धरना : किसान संगठन
कृषि सुधर कानून रद होने तक जारी रहेगा धरना : किसान संगठन

जागरण संवाददाता, बरनाला :

कृषि कानून रद की मांग को लेकर किसान संघर्ष पर डटे हुए हैं। किसानों ने निरंतर भाजपा जिला प्रधान यादविदर शंटी, करीब एक माह से भाजपा पंजाब नेता अर्चना दत्त, 64 दिनों से रेलवे स्टेशन के बाहर रेलवे पार्किग, हंडिआया रोड शापिग मार्ट, बरनाला बाजाखाना रोड शापिग माल, हंडिआया, धनौला, संघेड़ा, धौला पेट्रोल पंप समेत बड़बर व महलकलां टोल प्लाजा समेत जिले में करीब 15 जगहों पर धरना जारी रखा हुआ है। वीरवार को किसान संगठनों के सदस्यों ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कृषि कानून बनाकर खेती के धंधे को खत्म करना चाहती है, लेकिन किसान मोदी सरकार की इस चाल को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि किसानों ने कृषि कानून को रद करवाने के लिए दिल्ली सिंधू बार्डर पर रोष धरना शुरू किया हुआ है, यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक कृषि कानून को मोदी सरकार रद नहीं करती।

उधर संगरूर में डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) के प्रांतीय प्रधान बलवीर चंद लोंगोवाल के आह्वान पर क्षेत्र की विभिन्न जम्हूरी संगठनों व इलाका निवासियों के सहयोग से शहर में लोक विरोधी कृषि कानूनों को रद करवाने हेतु डीसी कार्यालय के समक्ष मशाल मार्च निकाला गया। केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। संगठन के उप प्रधान विश्वकांत, इंकलाबी जम्हूरी मोर्चा के प्रधान स्वर्णजीत सिंह, हरजीत सिंह बालियां, फलजीत सिंह ने कहा कि दिल्ली में चल रहे किसानी संघर्ष के समर्थन में उनका संगठन सदैव खड़ा रहेगा। उन्होंने लोगों के संघर्ष को दबाने के लिए केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार द्वारा किसानों के शांतिपूर्वक चल रहे संघर्ष को जबरन दबाए जाने की कोशिशों की कड़े शब्दों में निदा की। उन्होंने कहा कि लोगों के हकों की बात करने वाले बुद्धिजीवियों को जेलों में बंद किया जा रहा है, समाज सेवकों व पत्रकारों पर झूठे केस डाले जा रहे हैं, जिससे कि कोई हक की बात न कर सके। केंद्र सरकार की इसी नीतियों के विरोध में ही मशाल मार्च निकाला गया है। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह किसान विरोधी कानून वापस ले, अन्यथा संघर्ष रूपी जंग विकराल रूप धारण कर लेगी। इस मौके डॉ. एएस मान, जोरा सिंह माझी, परमवेद, जुझार सिंह लोंगोवाल, जसविदर लोंगोवाल, धर्मपाल सहित अन्य उपस्थित थे।

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