पीआरटीसी, पनबस व पंजाब रोडवेज के कच्चे कर्मियों की हड़ताल से यात्री परेशान
पीआरटीसी पनबस पंजाब रोडवे•ा कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब के आह्वान पर हड़ताल जारी।
संवाद सहयोगी, बरनाला : पीआरटीसी, पनबस, पंजाब रोडवेज कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब के आह्वान पर पूरे पंजाब के कच्चे मुलाजिमों ने बस स्टैंड पर धरना देकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई है। बरनाला बस स्टैंड पर हड़ताल के दूसरे दिन धरने को संबोधित करते हुए रणधीर राणा, डिपो प्रधान निरपाल पप्पू, सचिव सुखपाल पाला, जगतार सिंह तारी, मनजीत सिंह, अंग्रेज बीहला ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पिछले लंबे समय से ट्रांसपोर्ट विभाग के कच्चे मुलाजिमों को पक्का नहीं किया जा रहा, उल्टा अज्ञात व्यक्ति बताकर मामले दर्ज किए जा रहे हैं। विभाग द्वारा मुलाजिमों को हटाने करने के नोटिस निकालकर मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने मुलाजिमों को पक्का करने का आश्वासन दिया फिर छह अक्टूबर को नए ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिदर सिंह राजा वड़िग ने विश्वास दिलाया व फिर 12 अक्टूबर को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने विश्वास दिलाया कि उन्हें 20 दिन में पक्का कर दिया जाएगा किंतु नया एक्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि ट्रांसपोर्ट विभाग का एक भी मुलाजिम पक्का नहीं होता व बोर्ड कारपोरेशन एक्ट से बाहर रखकर सरकारी विभागों से कच्चे मुलाजिमों का नाता तोड़ने की नीति अपनाई जा रही है।
सरकारी ट्रांसपोर्ट को खत्म करने को सरकार तैयार है। जिस कारण यूनियन ने संघर्ष का फैसला किया। 22 नवंबर को ट्रांसपोर्ट मंत्री से हुई बैठक में तीन वर्ष से ठेके पर कार्यरत मुलाजिमों को पक्का करने के सबूतों सहित बात रखने पर मंत्री ने पनबस व पीआरटीसी मुलाजिमों को पक्का करने का भरोसा दिया कि आगामी कैबिनेट की पहली बैठक में कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने का फैसला लिया जाएगा, किंतु एक दिसंबर की कैबिनेट बैठक में मुलाजिमों का कोई हल नहीं किया गया। यूनियन नेताओं ने कहा कि यदि सरकार ने नौ दिसंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में कोई हल न निकाला तो 10 दिसंबर को मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के घर समक्ष पक्का धरना लगाया जाएगा व संघर्ष को ओर तेज किया जाएगा।
इस मौके पर बिदरपाल, गुरप्रीत दीवाना, मनदीप, सतवीर सिंह, हरजीत मानसा, गुरदीप सिंह, जसवीर सिंह ने कहा कि सरकारी ट्रांसपोर्ट बचाने, 10 हजार सरकारी बसें करने, कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने, एडवांस बुकर, डाटा एंट्री आपरेटर के वेतन में बढ़ावा करने, अवैध आरोपों के तहत निकाले गए मुलाजिमों को बहाल करने की मांगें पूरी नहीं होती तब तक धरना इसी तरह जारी रहेगा। जिसकी जिम्मेवारी पंजाब सरकार की होगी।