कृषि कानूनों के दिखने लगे दुष्प्रभाव

केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर जिले के विभिन्न आठ जगहों सहित रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग समक्ष लगाया गया संयुक्त किसानों का रोष धरना रविवार को 263वें दिन भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 03:02 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 03:02 PM (IST)
कृषि कानूनों के दिखने लगे दुष्प्रभाव
कृषि कानूनों के दिखने लगे दुष्प्रभाव

जागरण संवाददाता, बरनाला

केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर जिले के विभिन्न आठ जगहों सहित रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग समक्ष लगाया गया संयुक्त किसानों का रोष धरना रविवार को 263वें दिन भी जारी रहा। धरने में किसान नेताओं करनैल सिंह गांधी, गुरदेव सिंह मांगेवाल, बाबू सिंह खुड्डी कलां, अमरजीत कौर, गुरचरण सिंह, पंजाब सिंह, हरचरण चन्ना, गोरा सिंह ढिल्लवां, बलजीत चौहानके, गुरदर्शन सिंह दिओल, बलवीर कौर ने कहा कि केंद्र सरकार के खेती कानूनों के दुष्प्रभाव दिखना शुरू हो गए हैं। सरसों के तेल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ावा हुआ है। यह बढ़ावा सरसों की फसल की खरीद सरकारी कोआपरेटिव विभाग हैफेड की बजाए निजी मालिकों द्वारा किए जाने के कारण हुआ है। अगर ये कानून लागू होते हैं तो कुछ वर्षों बाद सरकारी मंडियों बंद होने के बाद सभी खाद्य पदार्थों की खरीद निजी कंपनियां ही करेंगी।

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