बीमारों को अस्पताल में भोजना का संकल्प कर रहे पूरा

बरनाला सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को चाय-रोटी के लिए बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन के समक्ष जाना पड़ता था। अस्पताल में आए लोगों को चाय रोटी के लिए ऐसे परेशान होता देख बाबू बदरी लाल बाबू सत्तपाल व आत्मा राम ने एक संस्था का निर्माण किया जिसका नाम निष्काम सेवा समिति रखकर अस्पताल में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को चाय रोटी देने का फैसला किया जो कि पिछले 40 वर्षो से आज भी जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Jan 2020 05:13 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 05:13 PM (IST)
बीमारों को अस्पताल में भोजना का संकल्प कर रहे पूरा
बीमारों को अस्पताल में भोजना का संकल्प कर रहे पूरा

हेमंत राजू, बरनाला : सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को चाय-रोटी के लिए बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन के समक्ष जाना पड़ता था। अस्पताल में आए लोगों को चाय रोटी के लिए ऐसे परेशान होता देख बाबू बदरी लाल, बाबू सतपाल व आत्मा राम ने एक संस्था का निर्माण किया जिसका नाम निष्काम सेवा समिति रखकर अस्पताल में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को चाय रोटी देने का फैसला किया जो कि पिछले 40 वर्षो से आज भी जारी है। बेशक इस लंगर की शुरुआत करने वाले इस दुनिया से विदा हो चुके हैं लेकिन उनके परिजन अब भी यह लंगर अस्पताल के मरीजों को बांट रहे हैं।

निष्काम सेवा समिति के चेयरमैन राजिदर कुमार ने बताया कि 1978 में उनके बुजुर्गों की तरफ से संस्था का निर्माण करके सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को चाय रोटी देना शुरु किया था, जो अब भी जारी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल की रसोई में सुबह पांच बजे मरीजों के लिए चाय बनाई जाती है। फिर उनकी तरफ से मरीजों को चाय दी जाती है। जच्चा बच्चा वार्ड में जिन महिलाओं की डिलीवरी होती है उनको दूध, बिस्किट, रस, ब्रेड आदि दिया जाता है। सुबह दस बजे दाल रोटी, खिचड़ी व दलिया बांटा जाता है। अस्पताल में मरीजों के लिए खाना पकाने के लिए पक्के कर्मचारी रखे हुए हैं। जिनको संस्था द्वारा ही वेतन दिया जाता है। चाय रोटी देने के अलावा जरूरतमंद मरीज जिनके पास दवाई खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं उनको संस्था की तरफ से मदद देकर सहायता की जाती है । समिति के सभी मेंबर अपने स्तर पर फंड एकत्र करते हैं। समिति से कई दानी लोग जुड़े हुए हैं जो उनका आर्थिक सहयोग करते हैं। उन्होंने बताया कि हर माह दो लाख रुपए का अधिक बजट आता है। जब से इस लंगर की शुरुआत हुई है एक भी दिन ऐसा नहीं जिस दिन मरीजों की सेवा न की गई हो। दानी लोगों द्वारा संस्था को आटा दाल देकर मदद भी करते हैं। इस अवसर पर निष्काम सेवा समिति के प्रधान एसएस वालिया, जनरल सेक्रेटरी रोशन लाल कांसल, कैशियर एसडीओ सुखदेव सिगला, जरनैल सिंह, सुखदेव सिंह आदि ने बताया कि जब किसी के भी कोई खुशी का कार्यक्रम होता है तो वह लोग भी भरेजन फल आदि लाकर बांटते रहते हैं।

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