खेती कानून तबाह कर देंगे किसानों का जीवन
केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग समक्ष लगाया गया संयुक्त किसानों का रोष धरना शनिवार को शनिवार को 262वें दिन भी जारी रहा।
संवाद सहयोगी, बरनाला
केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग समक्ष लगाया गया संयुक्त किसानों का रोष धरना शनिवार को शनिवार को 262वें दिन भी जारी रहा। धरने में वक्ताओं ने तीन कृषि कानूनों के कारण ग्रामीण सभ्याचार व जीवन पर पड़ रहे बुरे प्रभाव संबंधी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि यह कानून उनके मौजूदा जीवन को तबाह कर देंगे। धरने को संबोधित करते बलवंत सिंह उप्पली, करनैल सिंह गांधी, गुरदेव सिंह मांगेवाल, बाबू सिंह खुड्डी कलां, अमरजीत कौर, गुरचरण सिंह, पंजाब सिंह, हरचरण चन्ना, गोरा सिंह, बलजीत चौहानके, गुरदर्शन सिंह दिओल, बलवीर कौर ने संबोधित करते किया कि बेशक सुप्रीम कोर्ट ने काले कानूनों को फिलहाल मुअत्तल किया है कितु सरकार इन काले कानूनों को लागू कर रही है। इन कानूनों के दुष्प्रभाव भी दिखना शुरु हो गए हैं। विगत दिनों हरियाणा सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करके जनतक वितरण प्रणाली के माध्यम से सरसों के तेल की सप्लाई पर रोक लगा दी है। जिस कारण सरसों के तेल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ावा हुआ है। यह बढ़ावा सरसों की फसल की खरीद सरकारी कोआपरेटिव विभाग हैफेड की बजाए निजी मालिकों द्वारा किए जाने के कारण हुआ है। जैसे इस वर्ष हरियाणा सरकार के विभाग हैफेड ने सरसों की खरीद नहीं की, यह काले खेती कानून लागू होने पर यह बातें आम होने लगेंगी। यदि काले कानून लागू होते हैं तो कुछ वर्षों बाद सरकारी मंडियों बंद होने के बाद सभी खाद्य पदार्थों की खरीद निीज कंपनियं ही करेंगी। तब सभी खाद्य पदार्थों की कीमतें सरसों के तेल की तरह बढ़ाई जाएगी। सभी को इससे सबक लेते हुए इन काले कानूनों को रद करवाने के लिए अपने अहद को ²ढ़ करना चाहिए। रूलदू सिंह शेरों ने गीत सुनाए। राजविदर सिंह मल्ली व जगराज सिंह ठुल्लीवाल के जत्थे ने वारें गाई।