खराब मौसम के बावजूद जोश में दिखे धरने पर बैठे किसान

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा केंद्र सरकार द्वारा लागू किए तीन कृषि कानूनों को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनाने की मांग को लेकर विभिन्न किसान संगठनों की अगुआई में रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग स्थल के समक्ष शुरू किया रोष धरना वीरवार को 225वें दिन में प्रवेश कर गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 03:17 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 03:17 PM (IST)
खराब मौसम के बावजूद जोश में दिखे धरने पर बैठे किसान
खराब मौसम के बावजूद जोश में दिखे धरने पर बैठे किसान

संवाद सहयोगी, बरनाला

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा केंद्र सरकार द्वारा लागू किए तीन कृषि कानूनों को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनाने की मांग को लेकर विभिन्न किसान संगठनों की अगुआई में रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग स्थल के समक्ष शुरू किया रोष धरना वीरवार को 225वें दिन में प्रवेश कर गया। वीरवार को खराब मौसम के बावजूद किसानों में जोश दिखाई दिया।

धरने को संबोधित करते बलवंत सिंह उप्पली, बाबू सिंह खुड्डी कलां, दर्शन सिंह उगोके, गुरदेव मांगेवाल, मनजीत राज, हरचरण चन्ना, गुरचरण भोतना, बलजीत चौहानके, अमरजीत कौर व बिक्कर सिंह औलख ने कहा कि कोरोना प्रबंधन ने सरकार के लोक विरोधी चेहरे को जग-जाहिर कर दिया है। केंद्र सरकार ने जो वेंटिलेटर सप्लाई किए, उनमें से ज्यादातर खराब निकले। पंजाब सरकार ने यह जीवन दायक मशीनें पूरा वर्ष डिब्बों से बाहर नहीं निकाली। इन मशीनों की फिटनेस चेक करना किसकी जिम्मेवारी बनती थी। इन मशीनों को चलाने वाला स्टाफ भर्ती क्यों नहीं किया गया। आक्सीजन प्लांट क्यों नहीं लगाए गए। इनको लगाने की जिम्मेवारी किसकी थी, इस तरह के बहुत से सवाल खड़े होते हैं।

किसान नेताओं ने कहा कि सरकार को लोगों की जिदगी से कोई वास्ता नहीं है। सरकार केवल चंद कारपोरेट घरानों का पक्ष लेना चाहती है। हमें अपनी रक्षा खुद करनी होगी। कोरोना महामारी को सरकारें अपने सियासी हित के लिए उपयोग कर रही हैं। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार का अड़ियल रवैया उनके इरादे को मजबूती देगा। काले खेती कानूनों संबंधी सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। सरकार को इन कानूनों को रद करना ही पड़ेगा। गुरचरण सिंह भोतना व भोला सिंह ने गीत सुनाए।

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