सीता स्वयंवर व लक्ष्मण-परशुराम संवाद का दर्शकों ने लिया आनंद

श्री रामलीला कमेटी द्वारा पुरानी रामलीला ग्राउंड में संचालित श्री रामलीला मंचन के दौरान वीरवार रात को सीता स्वयंवर व लक्ष्मण-भगवान परशुराम संवाद का मंचन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 05:34 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 05:34 PM (IST)
सीता स्वयंवर व लक्ष्मण-परशुराम संवाद का दर्शकों ने लिया आनंद
सीता स्वयंवर व लक्ष्मण-परशुराम संवाद का दर्शकों ने लिया आनंद

संवाद सूत्र, बरनाला : श्री रामलीला कमेटी द्वारा पुरानी रामलीला ग्राउंड में संचालित श्री रामलीला मंचन के दौरान वीरवार रात को सीता स्वयंवर व लक्ष्मण-भगवान परशुराम संवाद का मंचन किया गया। इस दौरान काफी संख्या में लोगों ने रामलीला ग्राउंड में पहुंचकर राम विवाह में भाग लिया। मुख्य मेहमान के तौर पर सब्जी मंडी एसोसिएशन बरनाला के प्रधान रवि ठाकुर टीम के साथ पहुंचे व रिबन काटकर व प्रभु श्री राम की रामलीला की शुरुआत करवाई।

कैशियर जेई अशोक जिदल व वरिष्ठ उपप्रधान कम एक्टिग प्रधान रजत बांसल लक्की ने बताया कि मंचन के दौरान जनकपुर के महाराजा जनक सीता स्वयंवर की घोषणा करते हैं और राजकुमारों का दरबार पहुंचना शुरू होता है। स्वयंवर में आए सभी राजकुमार भगवान शंकर के धनुष को उठाने का प्रयास करते हैं, लेकिन विफल रहते हैं। राम-लक्ष्मण भी दरबार में पहुंचते हैं, जब सभी राजा लोग शिव धनुष के समक्ष शक्तिहीन हो गए तब महर्षि विश्वामित्र राम से कहते हैं कि उठहुं राम भंजहु भव चापा, मेटहु तात जनक परितापा। इसके बाद राम महर्षि की आज्ञा पाकर उठते हैं और शिव धनुष को एक ही पल में उठाकर तोड़ देते हैं। इस दृश्य के मंचन के साथ ही जोरदार पटाखों की आवाज होती है और लोग जय श्री राम के जयघोष लगाते हैं। इसके बाद श्रीराम व सीता का विवाह संपन्न होता है। लेकिन इसके बाद धनुष टूटते ही मंच पर भगवान परशुराम का आगमन होता है और वह क्रोधित होकर धनुष किसके द्वारा तोड़ा गया पूछते हैं। इसके बाद लक्ष्मण व परशुराम के जोशीले संवाद सुनकर दर्शकों की स्थिति भी विचित्र बन जाती है, जिसके बाद प्रभु राम भगवान परशुराम से बात करते हैं, जिसके बाद भगवान परशुराम को पता चलता है कि धरती पर स्वयं नारायण ने जन्म लिया है, जिसके बाद उनका गुस्सा शांत हो जाता है। मंच का संचालन हेड कैशियर हेमंत राजू ने बाखूबी निभाया।

उन्होंने बताया कि आज राम वनवास भाग दूसरा, दस अक्टूबर को भरत मिलाप, 11 अक्टूबर को सीता हरण, 12 अक्टूबर को सुर्गीव मित्रता व बाली वध, 13 अक्टूबर को लंका दहन, 14 अक्टूबर को रावण वध, 15 अक्टूबर को विश्राम व 16 अक्टूबर को राज तिलक का मंचन किया जाएगा। इन्होंने दर्ज करवाई मौजूदगी

इस मौके पर सरप्रस्त कस्तूरी लाल बांसल, बिमल कुमार बांसल, कमल शर्मा भोला, चेयरमैन सुभाष बांसल डाक्टर, प्रधान एडवोकेट नाभ चंद जिदल, कैशियर जेई अशोक जिदल, महासचिव यशपाल जस्सी बांसल, डाक्टर राकेश मेहरा, डायरेक्टर बलदेव कृष्ण मक्खन, वरिष्ठ उपप्रधान कम एक्टिग प्रधान रजत बांसल लक्की, उपप्रधान राजिदर सिगला, उपप्रधान त्रिलोकी नाथ, ज्वाइंट सचिव चंदन बांसल चांद, मेकअप डायरेक्टर मनोज गोयल, दीपा, पीआरओ संजीव ढंड, ग्राउंड इंचार्ज जीवन बांसल डड्डी, कशिश नरवालियां काकू, विशेष नरवालियां काला, मनीश गौड़, स्टोरी कीपर सुंदर लाल गौड़, राज कुमार राजू, कृष्ण काला, सुभाष बांसल, स्टेज डायरेक्टर युवराज हेम राज, प्रमोद शौरी, नरेश काला, दीपेंद्र शर्मा दीपू, नीतिश जिदल नन्नू ,अमर चौधरी, मोती, म्यूजिक डायरेक्टर जगजीवन काका, कैप्टन बंटी शौरी, वाइस कैप्टन बौबी, लीगल एडवाइजर एडवोकेट दीपक जिदल, एग्जीक्यूटिव मेंबर प्रदीप कुमार, संजीव शर्मा, दिनेश जिदल, दर्शन सिंह, प्रिस वालियां, रोहित जिदल, पंकज जिदल, रिशू, अंशुल गौरी, कार्तिक, लवि बांसल, देव शौरी, हनी गोयल, हरिकांत कौशल, विक्की आदि उपस्थित थे।

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