बारदाने की समस्या का हल करें, नहीं तो पक्के तौर पर बंद कर देंगे सड़कें

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठनों ने रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग स्थल के समक्ष रोष धरना देकर नारेबाजी की। वीरवार को किसानों का रोष प्रदर्शन 204वें दिन में प्रवेश कर गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 03:50 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 03:50 PM (IST)
बारदाने की समस्या का हल करें, नहीं तो पक्के तौर पर बंद कर देंगे सड़कें
बारदाने की समस्या का हल करें, नहीं तो पक्के तौर पर बंद कर देंगे सड़कें

संवाद सहयोगी, बरनाला

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठनों ने रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग स्थल के समक्ष रोष धरना देकर नारेबाजी की। वीरवार को किसानों का रोष प्रदर्शन 204वें दिन में प्रवेश कर गया। किसानों ने कहा कि अभी किसानों ने सांकेतिक तौर पर दो घंटों के लिए सड़कें जाम की हैं, यदि बारदाने का मामला जल्द हल न किया गया तो सड़क पर पक्के धरने लगाए जाएंगे।

इसी प्रकार टोल प्लाजा महलकलां व टोल प्लाजा बडबर व भाजपा के जिला प्रधान यादविदर शैंटी के निवास के बाहर भी रोष धरना जारी रहा। किसान संगठनों द्वारा संघेड़ा भदलवड्ड रोड पर स्थित पेट्रोल पंप के समक्ष भी रोष धरना दिया गया। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की ब्लाक महल कलां ईकाई द्वारा संगठन के ब्लाक प्रधान जज सिंह गहल की अगुआई में लुधियाना-बरनाला मुख्य मार्ग पर गांव भदलवड़ व संघेड़ा के मध्य स्थित पैट्रोल पंप पर पक्का मोर्चा लगाया गया। किसान नेताओं ने कहा कि किसान लगातार पिछले सात माह से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं कितु भाजपा नेता अपनी सियासी कार्रवाई जारी रखकर किसानों के जख्म पर नमक छिड़क रहे हैं। नेताओं ने कहा कि भाजपा नेता अपनी यह सरगर्मियां बंद करें नहीं तो यदि कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो इसके लिए किसान जिम्मेवार नहीं होंगे।

करनैल सिंह गांधी, गुरदेव सिंह मांगेवाल, नारायण दत्त, गुरनाम सिंह ठीकरीवाला, मनजीत राज, बाबू सिंह, नछतर सिंह, हरचरण सिंह, मेला सिंह, बलवीर कौर ने कहा कि सरकार जानबूझ कर फसल खरीद के पुख्ता प्रबंध नहीं कर रही ताकि किसान प्राइवेट साइलोज व मंडियों में अपनी फसल बेचने को मजबूर हो जाएं।

किसान नेताओं ने सरकार के कोरोना प्रबंधन की सुस्त कारगुजारी को भी निशाने पर लिया। दूसरे राज्यों को वैक्सीन देकर अपनी वाहवाही करवाने वाले देश के प्रधानमंत्री को अपने देश के लोगों की कोई परवाह नहीं। राजविदर सिंह मल्ली के कविशरी जत्थे ने बीररसी वारें गाकर पंडाल में जोश भरा।

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