बरनाला के वातावरण प्रेमियों ने हाई कोर्ट के फैसले को सराहा
शहर के वातावरण प्रेमियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से काहनेके-रुड़ेके कलां सड़क को 10 से 18 फीट चौड़ा करने की आड़ में पेड़ों को काटने पर रोक लगाने का स्वागत किया है।
हेमंत राजू, बरनाला
शहर के वातावरण प्रेमियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से काहनेके-रुड़ेके कलां सड़क को 10 से 18 फीट चौड़ा करने की आड़ में पेड़ों को काटने पर रोक लगाने का स्वागत किया है।
सामाजिक चेतना लहर पंजाब के सदस्य वातावरण प्रेमी गुरसेवक सिंह धौला व पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने बताया कि काहनेके-रुड़ेके कलां सड़क को 18 फीट चौड़ा करने की आड़ में सड़क के किनारे पेड़ों की कटाई की जा रही थी। इसे लेकर सामाजिक चेतना लहर पंजाब ने पेड़ों को काटने का विरोध किया था।
चेतना लहर, वातावरण प्रेमी गुरसेवक सिंह धौला, समाज सेवी गुरप्रीत सिंह काहनेके व अन्य लोगों ने पंजाब सरकार, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग, जिला बरनाला प्रशासन के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित पटीशन भी दाखिल की थी।
सामाजिक चेतना लहर पंजाब, वातावरण प्रेमी गुरसेवक सिंह धौला, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट एचसी अरोड़ा आदि पर्यावरण प्रेमियों ने कोर्ट का आभार व्यक्त करते कहा कि ठेकेदार द्वारा पहले से काटे गए पेड़ों की बरामदगी करवाकर उन पर कार्रवाई की जाए। --------------------------
हाई कोर्ट ने कहा अब प्राकृतिक पर्यावरण को बचाने का समय हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रविशंकर झा व अरुण पल्ली की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को 19 जुलाई को जारी कानूनी नोटिस को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पेड़ों की कटाई के खिलाफ कानूनी नोटिस पर पहले विचार किया जाना चाहिए। कोई भी पेड़ तब तक नहीं काटा जा सकता जब तक इस केस का फैसला नहीं हो जाता। अगर किसी भी स्थिति में कोई भी पेड़ प्रस्तावित 18 फीट सड़क की चौड़ाई के भीतर आता है, तो पेड़ को बचाने के लिए सड़क चौड़ीकरण योजना में बदलाव किया जा सकता है। सड़क को थोड़ा कम चौड़ा बनाया जा सकता है। करीब 900 और पेड़ काटे जा रहे हैं। अब प्राकृतिक पर्यावरण को बचाने का समय है और सरकार को भी प्राकृतिक पर्यावरण को बचाने के लिए समय का पालन करना चाहिए।