मुस्लिम भाईचारे के लोगों ने घरों में रहकर मनाया ईद

बरनाला सोमवार को मुस्लिम भाइचारे द्वारा ईद का त्योहार घरों मे रहकर मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 03:17 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 05:27 PM (IST)
मुस्लिम भाईचारे के लोगों ने घरों में रहकर मनाया ईद
मुस्लिम भाईचारे के लोगों ने घरों में रहकर मनाया ईद

महमूद मंसूरी, बरनाला :

सोमवार को मुस्लिम भाइचारे ने ईद घरों मे रहकर मनाई। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार ईद पर पहले जैसी चकाचौंध देखने को नहीं मिली। लॉकडाउन की वजह से सभी लोगों ने अपने-अपने घरों में ही ईद मनाई। ईद यानी ईद-उल-फितर दुनियाभर में मनाए जाने वाले सबसे पवित्र मुस्लिम त्योहारों में से एक है। भारत व अरब देशों में लोग बड़ी ही उत्सुकता से ईद के एक दिन पूर्व शाम को चांद का दीदार करते हैं। ईद मनाने का मकसद यह होता है कि रमजान के माह में रोजा रखकर तन व मन को शुद्ध व पवित्र किया जाता है। इस वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देशों ने लॉकडाउन लगाया है। लॉकडाउन के चलते इस बार लोग ईद की नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद नहीं जा पाए व ना ही इस वर्ष लोग रिश्तेदारों के पास जा सके।

ईदगाह इंतजामिया कमेटी के प्रधान मोहम्मद हमीद ने बताया कि मैं अपनी जिदगी में पहली बार नमाज घर पर पड़ी, मैंने अकेले ही नहीं सभी मुस्लिम भाईयों ने अपने-अपने घरों में नमाज अदा करके ईद का त्योहार मनाया। उन्होंने कहा कि हमने सरकार द्वारा बताए गए सभी निर्देशों का पालन किया हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम ईद को ऐसे मनाएंगे। एक ना एक दिन सब ठीक हो जाएगा। उन्होंने बताया कि ईद-उल-फितर त्याग की भावना समझता है, यह पर्व बताता है कि इंसानियत के लिए अपनी इच्छाओं का त्याग करना चाहिए, ताकि एक बेहतर समाज को बनाया जा सके। हमेशा भाईचारे के साथ रहना चाहिए ताकि हर घर में सुख व शांति रहे। उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान के अनुसार, रमजान के माह में रोजे रखने के बाद अल्लाह अपने बंदों को बख्शीश व इनाम देता है। बख्शीश व इनाम के इस दिन को ईद-उल-फितर कहा जाता है। इस दिन लोग जरूरतमंदों की मदद करने के लिए एक खास राशी निकालते हैं, जिसे जकात (दान) कहते हैं। इस जकात उनकी जरूरतों को पूरा किया जाता है और जिससे इस पर्व का बराबरी का मकसद पूरा हो सके।

गौर हो कि मुस्लिम भाईचारे द्वारा ईद का त्योहार हर वर्ष बेहद अच्छे ढंग से मनाया जाता है, मस्जिदों को लाइटों से सजाया जाता है। फिर इस दिन मुस्लिम भाईचारे के लोग मस्जिदों में नमाज अदा करके एक दूसरों को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण सरकारों के निर्देशों का पालन करते हुए मुस्लिम भाईचारे के लोगों ने अपने घरों में ही ईद का त्योहार अपने परिवार के साथ मनाया।

chat bot
आपका साथी