विद्यार्थियों को अधूरी पाठ्य सामग्री देने की निदा
पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने के बड़े-बड़े दावे करती नहीं थकती कितु इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
संवाद सहयोगी, बरनाला
पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने के बड़े-बड़े दावे करती नहीं थकती, कितु इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सेशन शुरू होने के डेढ़ माह बाद भी पूरी किताबें नहीं मिली हैं। स्कूल बंद होने के कारण घर बैठे विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मास्टर कार्डर यूनियन पंजाब जिला इकाई बरनाला के प्रधान जसपाल सिंह, महासचिव सुखवीर सिंह छापा की अगुआई में ही जूम बैठक में पाठ्य पुस्तकें अधूरी भेजने की सख्त शब्दों में निदा की गई है। कोरोना महामारी के कारण परीक्षाएं न होने के कारण दसवीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों से वसूल की गई परीक्षा फीस वापस करने की मांग की गई। दलवीर सिंह, जगदीप सिंह, दर्शन सिंह, मलकीत सिंह, कुलदीप सिंह, भोला सिंह, पंकज कुमार, विकास कुमार आदि उपस्थित थे।