इंकलाबी गीतों से भरा किसानों में जोश

32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा तीन कृषि कानूनों को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनाने की मांग को लेकर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा शनिवार को 304वें दिन में प्रवेश कर गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 04:19 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 04:19 PM (IST)
इंकलाबी गीतों से भरा किसानों में जोश
इंकलाबी गीतों से भरा किसानों में जोश

जागरण संवाददाता, बरनाला

32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा तीन कृषि कानूनों को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनाने की मांग को लेकर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा शनिवार को 304वें दिन में प्रवेश कर गया।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शनिवार को शहीद ऊधम सिंह का शहीदी दिवस साम्राज्यवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाया गया। किसानों ने दो मिनट का मौन धारण कर शहीद ऊधम सिंह को श्रद्धांजलि दी। इस उपरांत शहीद ऊधम सिंह के प्रसंग में इंकलाबी गीतों का दौर चला। वक्ताओं ने शहीद ऊधम सिंह की जीवन संघर्ष व कुर्बानी पर प्रकाश डाला।

नेताओं ने कहा कि शहीद ऊधम सिंह की शहादत को केवल अंग्रेजों से बदला लेने की कार्रवाई समझना उस महान इंकलाबी से बेइंसाफी होगी। उनकी लिखित, बयान व समूची जिदगी पर नजर घुमान से स्पष्ट होता है कि उन्होंने ताउम्र साम्राज्यवाद का विरोध किया। उन्होंने अहद लिया कि कृषि कानूनों के रद होने तक वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

बलवंत सिंह उप्पली, करनैल सिंह गांधी, उजागर सिंह, नछतर सिंह, मेला सिंह, नेकदर्शन सिंह, बिक्कर सिंह, रणधीर सिंह, रमनदीप कौर, जसपाल कौर,बलतजीत सिंह ने कहा कि विगत दिनों भाजपा के ट्विटर हैंडल से एक कार्टून सामने आया जिसमें किसान आंदोलनकारियों को चमड़ी उधेड़ देने तक की धमकियां दी गई। नेताओं ने कहा कि किसान केंद्र सरकार की धमकियों से डरने वाले नहीं। राजविदर सिंह मल्ली, जगरूप ठुल्लीवाल के कविश्री जत्थे, बहादुर सिंह काला धनौला, नरिदरपाल सिगला, सुरजीत रामगढ़ व मुंशी खान ने कविश्री, गीत व कविताएं सुनाई।

chat bot
आपका साथी