लोक विप ने लोकतंत्र के गिर रहे स्तर को रोकने में दिखाई नई राह

32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तीन कृषि विरोधी कानून रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने का नया कानून बनाने की मांग को लेकर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा वीरवार को 295वें दिन में प्रवेश कर गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 03:35 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 03:35 PM (IST)
लोक विप ने लोकतंत्र के गिर रहे स्तर को रोकने में दिखाई नई राह
लोक विप ने लोकतंत्र के गिर रहे स्तर को रोकने में दिखाई नई राह

संवाद सहयोगी, बरनाला

32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तीन कृषि विरोधी कानून रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने का नया कानून बनाने की मांग को लेकर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा वीरवार को 295वें दिन में प्रवेश कर गया।

धरने में किसानों द्वारा देश संसद सेशन के समांतर दिल्ली के जंतर-मंत्र पर किसान संसद चलाने के मुद्दे पर चर्चा का मुद्दा गंभीर रहा। इससे पहले किसानों ने संसद सदस्यों को लोक विप जारी करके लोकतंत्र के लिए जो नई रीत चलाई है, उसकी अहमियत एतिहासिक दर्जा रखती है। किसानों ने लोक विप जारी करके राजनीतिक कार्य-व्यवहार के लिए नया रास्ता दिखाया है कि आगे से लोग बताएंगे कि संसद में उनके प्रतिनिधि किस खास मुद्दे पर क्या स्टैंड लेंगे। लोक विप के कारण ही खेती कानूनों के हक में बोलने वाले नेता खेती कानून रद्द करो की तख्तियां लेकर संसद के सामने खड़े दिखाई दिए।

बलवंत सिंह उप्पली, करनैल सिंह गांधी, गुरमेल शर्मा, बलजीत सिंह चौहानके, नछतर सिंह साहौर, जसपाल चीमा, चरणजीत कौर, काका सिंह, गुरनाम सिंह, मेला सिंह, गोरा सिंह, गुरचरण सिंह, बरिदर शर्मा ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के नेता व सरकार यह कहकर किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश करती आई है कि इसमें केवल पंजाब व हरियाणा के किसान शामिल हैं। किसान संसद व आगामी दिनों के लिए बन रही लिस्टों से एक बात तो स्पष्ट है कि इस आंदोलन में देश के सभी राज्यों के लोग शामिल हैं। सरकार को इन कृषि विरोधी कानूनों को रद कर देना चाहिए। गुरमेल सिंह कालेका के कविश्री जत्थे ने कविश्री से पंडाल में जोश भरा। नरिदरपाल सिगला व सुरजीत रामगढ़ ने कविताएं सुनाईं।

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