यूरिया का हल न हुआ तो मार्कफैड व खेती विभाग का घेराव करेंगे : किसान
केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने का नया कानून बनाने की मांग को लेकर 32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा बुधवार को 301वें दिन में शामिल हो गया।
जागरण संवाददाता, बरनाला
केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने का नया कानून बनाने की मांग को लेकर 32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा बुधवार को 301वें दिन में शामिल हो गया। बुधवार सुबह से ही रूक-रूककर बारिश होती रही। गांवों से आने वाले धरनाकारी बारिश के बावजूद भी धरना स्थल पर पहुंचे।
वक्ताओं ने कृषि मंत्री तोमर के बयान का गंभीर नोटिस लेते कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री झूठ बोलना बंद करें। किसान कृषि कानूनों की कमियां बता चुके हैं व अपनी योजना अनेकों बार दोहरा चुके हैं।
बलवंत सिंह उप्पली, करनैल सिंह गांधी, जसपाल कौर कर्मगढ़, हरजीत सिंह, बाबू सिंह खुड्डी कलां, गुरनाम सिंह, बलजीत सिंह, गोरा सिंह ढिलवां, मलकीत कौर, बिक्कर सिंह, मेला सिंह कट्टू ने कहा कि धान में यूरिया डालने के लिए केवल एक सप्ताह का समय शेष है कितु यूरिया की किल्लत अधिक है। मार्कफैड व खेती विभाग ने टालमटोल की नीति अपना रखी है व चुनावी कार्यों में व्यस्त सरकार के पास तो किसानों के मुद्दों के लिए समय ही नहीं है।
नेताओं ने चेतावनी देते कहा कि यदि दो दिन में यह मसला हल न किया गया तो मार्कफैड व खेती विभाग के अधिकारियों का घेराव किया जाएगा। वक्ताओं ने रूलदू सिंह मानसा के दिल्ली मोर्चे वाले ठिकाने पर किए हमले की सख्त शब्दों में निदा की। नेताओं ने कहा कि यह हमला किसान आंदोलन को खत्म करने की सरकारी साजिश का हिस्सा है। किसान खेती कानूनों को रद करवाकर ही वापस लौटेंगे।