किसान खुद लेंगे फैसले, नेताओं के झांसे में नहीं आएंगे
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तीन कृषि कानूनों को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनाने की मांग को लेकर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में शुरू किया पक्का मोर्चा रविवार को 396वें दिन भी जारी रहा।
जागरण संवाददाता, बरनाला
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तीन कृषि कानूनों को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनाने की मांग को लेकर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में शुरू किया पक्का मोर्चा रविवार को 396वें दिन भी जारी रहा।
गुलाबी सुंडी से प्रभावित किसानों के लिए पंजाब सरकार द्वारा घोषित मुआवजे को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है। किसान नेताओं बलवंत सिंह उपली, करनैल सिंह गांधी, मेला सिंह कट्टू, बलवीर कौर, गुरजंट सिंह हमीदी, नछतर सिंह , बलवंत सिंह ठिकरीवाला, उजागर सिंह बीहला, बलजीत सिंह, जसपाल सिंह चीमा, हरचरण सिंह चन्ना, रणधीर सिंह राजगढ़ सुखजंट सिंह ने कहा कि 32 फीसद तक के नुकसान के लिए और उससे अधिक के नुकसान के लिए 60,000 रुपये प्रति एकड़ की मांग करते हैं।
किसान नेताओं ने कहा कि उन्होंने किसी डर से दिल्ली मोर्चा खाली करना शुरू नहीं किया बल्कि आम कामकाजी लोगों की सुविधा के लिए पांच फुट चौड़ी सड़क सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक खुली रहेगी। उन्होंने कहा कि 11 महीने से अधिक समय से किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाला नेतृत्व खुद तय करेगा कि दिल्ली की ओर कब और कैसे जाना है। हम अपने फैसले किसी राजनीतिक नेता के कहने पर नहीं बल्कि आंदोलन में शामिल संगठनों की सलाह पर लेते हैं। राजनीतिक दल केवल किसान आंदोलन का समर्थन करने का दिखावा करते हैं और चुनावी आंकड़ों के अनुसार बयान देते हैं। किसान इनके झांसे में नहीं आएंगे।