तीस किसान संगठन आठ मई को लाकडाउन विरोधी संघर्ष का करेंगे समर्थन

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठनों द्वारा रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग स्थल के समक्ष किसानों का रोष धरना वीरवार को 218वें दिन में प्रवेश कर गया

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 11:43 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 11:43 PM (IST)
तीस किसान संगठन आठ मई को लाकडाउन विरोधी संघर्ष का करेंगे समर्थन
तीस किसान संगठन आठ मई को लाकडाउन विरोधी संघर्ष का करेंगे समर्थन

जागरण संवाददाता, बरनाला

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठनों द्वारा रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग स्थल के समक्ष किसानों का रोष धरना वीरवार को 218वें दिन में प्रवेश कर गया। किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। इसी प्रकार टोल प्लाजा महलकलां व टोल प्लाजा बडबर व भाजपा के जिला प्रधान यादविदर शैंटी के ग्रह निवास के बाहर भी वीरवार को रोष धरना जारी रहा। पंजाब की तीस किसान संगठनों की सिघु बार्डर पर हुई बैठक में फैसला किया गया है कि पंजाब सरकार द्वारा गैर जरूरी लाकडाउन लगाकर व्यापारियों, छोटे कारोबारियों व मजदूरों का रोजगार तबाह करने के तुगलकी फरमान का विरोध किया जाएगा। इस उद्देश्य तहत आठ मई को लाकडाउन विरोधी दिवस मनाया जाएगा व 10-12 मई को हजारों की तादाद में किसान-मजदूरों के काफिले दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।

धरने को संबोधित करते दर्शन सिंह उगोके, नछतर सिंह, बाबू सिंह, गुरदर्शन सिंह, निरंजन सिंह, सुरमुख सिंह, गुरचरण सिंह, प्रेमपाल कौर, गोरा सिंह, मनजीत राज, बलजीत सिंह, बलवीर कौर, धर्मपाल कौर, मनजीत कौर ने कहा कि कोरोना के बहाने लोगों में दहशत फैलाई जा रही है। विगत वर्ष बिना किसी योजना के लगाए लाकडाउन के कारण लोगों को बेहद दर्दनाक हालात में सामना करना पड़ा। प्रवासी मजदूरों को पहले शहरों में भूखमरी का शिकार होना पड़ा व हजारो किलोमीटर का फासला पैदल चलकर पूरा करना पड़ा। करोड़ों लोगों का रोजगार खत्म हो गया। छोटे कारोबारी तबाह हो गए। व्यापारियों का व्यापार खत्म हो गया। विगत वर्ष की इन दर्दनाक घटनाओं से कोई सबक न लेते हुए सरकार अब फिर लाकडाउन लगाने के रास्ते चल पड़ी है। बेशक लोगों के विरोध के कारण मिनी लाकडाउन लगाया गया है कितु इसे कभी भी पूर्ण लाकडाउन में तब्दील नहीं होने दिया जाएगा। सेहत सुविधाओं को पुख्ता करने की बजाए सरकार लोगों का रोजगार छीनने की तरफ चल पड़ी है कितु किसान सरकार की इस लोक विरोधी फैसले को लागू नहीं होने देंगे। पंजाब की तीस संघर्षशील संगठन आठ मई को व्यापारियों, छोटे कारोबारियों व मजदूरों के लाकडाउन विरोधी संघर्ष का साथ देंगी। किसान नेताओं ने गांवों व शहरों में विशेष लामबंदी करने की अपील की। सुरजीत रामगढ़, मुख्तियार सिंह भैणी, नरिदरपाल सिगला, बहादुर सिंह काला धनौला ने गीत व कविताएं पेश की।

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