दिल्ली गए किसानों के खेतों की रक्षा कर रहे पड़ोसी
कृषि कानून को रद करवाने के लिए किसान संगठनों की रक्षा कर रहे पड़ोसी।
अमनदीप राठौड़, दीपक कुमार, बरनाला :
कृषि कानून को रद करवाने के लिए किसान संगठनों के सदस्य दिल्ली के सिंधू बार्डर पर डटे हुए हैं। इधर, उनके खेतों की जिम्मेदारी किसान संगठन व गांव निवासी संभाल रहे हैं। गांव ताजोके के साबका सरपंच कुलवंत सिंह बोघा के बेटे बलतेज सिंह बोघा ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार ने कार्पोरेट घरानों को लाभ देने के लिए कृषि सुधार कानून बनाए हैं, जिसको रद करवाने के लिए किसानों ने दिल्ली के सिंधू बार्ड पर रोष धरना शुरू किया हुआ है, वह खुद भी इस धरने में शामिल हो चुके हैं। वे एक ट्रैक्टर ट्राली राशन गांव निवासियों के सहयोग से दिल्ली के लिए किसानों को भेज चुके हैं, दूसरी ट्राली चार दिसंबर को भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली गए किसानों के खेतों की फसल की रक्षा व उस पर स्प्रे का छिड़काव करने के लिए गांव निवासियों ने ड्यूटी लगाई हुई है।
शैहणा के किन्नू महंत ने भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के कैशियर जगसीर सिंह सीरा को 11 हजार की राशि भेंट की। किसान जगसीर सिंह ने कहा कि आज हर वर्ग के लोग केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हैं, क्योंकि मोदी सरकार लोक मारू फैसले लेकर लोगों को बर्बाद करना चाहती है।
भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के गुरदेव सिंह व अजैब सिंह ने कहा कि दिल्ली गए किसानों के खेतों की रक्षा व उन पर स्प्रे का छिड़काव करवाने के लिए किसानों के ग्रुप बनाए हुए हैं जो बदल बदलकर अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही नहीं प्रतिदिन दिल्ली गए किसानों के लिए दूध व राशन भेजा जा रहा है ताकि उनको रोष प्रदर्शन के दौरान किसी भी चीज की परेशानी पेश ना आए।