भारत बंद को मिले समर्थन से किसान आंदोलन हुआ मजबूत : किसान
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तीन कृषि कानूनों का रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनाने की मांग को लेकर रेलवे स्टेशन की पार्किग में शुरू किया पक्का मोर्चा मंगलवार को 363वें दिन भी जारी रहा।
जागरण संवाददाता, बरनाला : संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तीन कृषि कानूनों का रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून बनाने की मांग को लेकर रेलवे स्टेशन की पार्किग में शुरू किया पक्का मोर्चा मंगलवार को 363वें दिन भी जारी रहा। किसान नेताओं ने कहाकि संयुक्त किसान मोर्चा के 27 सितंबर के भारत बंद को मिले भरपूर समर्थन ने किसानों के हौसले मजबूत कर दिए हैं। आंदोलन को केवल पंजाब, हरियाणा व कुछ किसानों का आंदोलन कहने वालों के मुंह पर इस बंद ने करारी चपत लगाई है। बुलंद हौसले की ऊर्जा से आंदोलन को ओर मजबूत किया जाएगा।
किसानों नेताओं ने शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस पर उनके जीवन पर प्रकाश डाला। भगत सिंह ने कहा था कि हमारी लड़ाई केवल अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने तक सीमित नहीं है। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक मनुष्य के हाथों मनुष्य की लूट खत्म नहीं होती। काले कानून इस लूट को तेज करने का जरिया बनेंगे। इसलिए खेती कानूनों को रद करवाना ही भगत सिंह के विचारों का लागू करना है। धरने के बाद संचालन कमेटी के सदस्यों ने शहीद भगत सिंह चौक तक मार्च किया व शहीद भगत सिंह की प्रतिमा को हार पहनाकर नमन किया। बलवंत सिंह उप्पली, करनैल सिंह गांधी, बाबू सिंह, उजागर सिंह, कुलवंत सिंह, नछतर सिंह, बलवीर कौर, बलजीत कौर, प्रेमपाल कौर, गुरदेव मांगेवाल, बिक्कर सिंह, बलजीत सिंह, गुरचरण सिंह ने कहा कि किसान धरने पिछले वर्ष एक अक्टूबर को शुरू किए गए थे। इसलिए एक अक्टूबर को धरने की वर्षभर की कमजोरियों व मजबूतियों का मूल्यांकन किया जाएगा। बाजारों में रोष प्रदर्शन भी किया जाएगा। राम सिंह हठूर, तेजा सिंह ठीकरीवाला, नरिदरपाल सिगला ने गीत व कविताएं सुनाई।