आठ माह बीते, सरकार ने नहीं ली किसानों की सुध
केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने का नया कानून बनाने की मांग को लेकर 32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा सोमवार को 299वें दिन भी जारी रहा।
जागरण संवाददाता, बरनाला
केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने का नया कानून बनाने की मांग को लेकर 32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा सोमवार को 299वें दिन भी जारी रहा।
सोमवार को दिल्ली के बार्डरों पर बैठे पूरे आठ माह बीत चुके हैं। सोमवार को जंतर-मंतर पर लगने वाली किसान संसद की कमान महिलाओं के हाथों में दी गई वहीं बरनाला में चल रहे समूह धरनों की समूची कार्रवाई महिलाओं ने चलाई। स्टेज से केवल महिलाओं ने संबोधन किया।
धरने को संबोधित करती किसान नेता अमरजीत कौर, चरणजीत कौर, प्रेमपाल कौर, गुरमीत कौर नत्त, गुरप्रीत कौर सहजड़ा, सुरजीत कौर, धर्मपाल कौर, जसलीन कौर, गगनदीप कौर, जसपाल कौर, रमनदीप कौर, जसवंत कौर, बलविदर कौर, गमदूर कौर, परमजीत कौर ने कहा कि पिछले दिनों कृषि मंत्री ने बयान दिया था कि किसानों द्वारा जंतर-मंतर पर चलाई जा रही किसान संसद बेतुकी कार्रवाई है। असल में बेतुका तो केंद्रीय खेती मंात्री तोमर का बयान है। दुनिया की नजर किसान संसद पर टिकी हुई है व वह भारत के किसानों की आंदोलन चलाने व अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की सूझ-बूझ से बेहद प्रभावित हुए हैं। धरने में चमकौर साहिब की पुलिस द्वारा किसानों पर मामले दर्ज करने की सख्त शब्दों में निदा की। दो दिन कांग्रेस प्रधान की फेरी के मौके पर किसानों ने उसका काले झंडे दिखाकर विरोध किया था क्योंकि उसने ताजपोशी मौके किसानों को प्यासे व खुद को कुआं कहने का अहंकार दिखाया है। प्रीत कौर धूरी ने गीतों से पंडाल में जोश भरा।