किसान धरने के कार्यों का लेखा-जोखा पेश किया

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने का नया कानून बनाने की मांग को लेकर 32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा मंगलवार को 300 दिन पूरे कर गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 03:32 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 03:32 PM (IST)
किसान धरने के कार्यों का लेखा-जोखा पेश किया
किसान धरने के कार्यों का लेखा-जोखा पेश किया

जागरण संवाददाता, बरनाला

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने का नया कानून बनाने की मांग को लेकर 32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा मंगलवार को 300 दिन पूरे कर गया। इस दौरान बरनाला धरने के कार्यों का लेखा-जोखा पेश किया गया। धरने के कमजोर व मजबूत पक्षों की निशानदेही की गई। वक्ताओं ने तसल्ली प्रकट की कि इतने लंबे समय दौरान भी धरने का जोश व उत्साह उसी तरह बरकरार है। धरनाकारियों खासकर महिलाओं की हाजरी लगातार बढ़ती जा रही है। संयुक्त किसान मोर्चे को भरपूर समर्थन मिल रहा है। सबसे बड़ी प्राप्ति खेती कानूनों व सरकार की लोक विरोधी नीतियों संबंधी धरनाकारियों की चेतना में हुआ बढ़ावा है। इसके बावजूद मजदूरों व शहरी गरीब वर्ग की कम शमूलियत धरने का कमजोर पक्ष रहा। आगामी दिनों में इस कमजोरी को दूर करने का अहद लिया गया। करनैल सिंह गांधी, बाबू सिंह खुड्डी कलां, गुरनाम सिंह ठीकरीवाला, उजागर सिंह बीहला, गुरमेल शर्मा, बलजीत सिंह चौहानके, नछतर सिंह साहौर, मेला सिंह, गुरजंट सिंह, जसपाल कौर, जसवंत कौर, परमजीत कौर, गोरा सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन को बहुत बढि़या अगुआई दे रहा हैै। वक्ताओं ने कहा कि 26 जुलाई को जंतर-मंत्र में महिलाओं द्वारा लगाई किसान संसद का पूरी दुनिया में नोटिस लिया गया है। महिलाओं की सियासी सूझबूझ व खेती कानूनों संबंधी समझ ने हर किसी को सोचने पर विवश किया है। सरकार को मान लेना चाहिए कि खेती कानून रद करने के अलावा उसके पास कोई चारा नहीं है। उधर, रिलायंस माल समक्ष भी किसानों का धरना जोश-खरोश से जारी रहा।

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