रायसर में दशकों पुरानी कब्रें खुलने का विवाद सुलझा

जमीन की खुदाई के दौरान दशकों पहले बनी कब्रों के खुलने से खड़े हुए विवाद को मुस्लिम नेताओं ग्राम पंचायत व प्रशासनिक अधिकारियों के प्रयास से सुलझा लिया गया है

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 03:40 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 03:40 PM (IST)
रायसर में दशकों पुरानी कब्रें खुलने का विवाद सुलझा
रायसर में दशकों पुरानी कब्रें खुलने का विवाद सुलझा

जागरण संवाददाता, बरनाला :

पंजाब वक्फ बोर्ड द्वारा रायसर पंजाब की 26 कनाल जमीन को गहने (गिरवी) देने के बाद जमीन की खुदाई के दौरान दशकों पहले बनी कब्रों के खुलने से खड़े हुए विवाद को मुस्लिम नेताओं, ग्राम पंचायत व प्रशासनिक अधिकारियों के प्रयास से सुलझा लिया गया है। पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उसमान लुधियानवी व पटियाला से शेर खान सदस्य अल्पसंख्यक कमीशन पंजाब ने बताया कि दशकों पुरानी कब्रों के दोबारा खुलने से पूरे मुस्लिम भाईचारे के लोगों में रोष था। पंजाब वक्फ बोर्ड के प्रांतीय अफसर अबदुल शकुल द्वारा कब्रिस्तान की उक्त जगह सुखदेव सिंह पुत्र बलवीर सिंह निवासी रायसर के नाम पर गहने दी थी। जिसके बाद सुखदेव सिंह ने बिना किसी मंजूरी कब्रिस्तान की जमीन में मिट्टी उठानी शुरू कर दी है। इससे पुरानी कब्रें बाहर निकल आई व खोदाई के दौरान दशकों पहले दफन जनाजे की बेअदबी होने लगी, जिसके बाद यह खबर पूरे मुस्लिम भाईचारे में फैल गई थी। शामी इमाम ने कहा कि कब्रिस्तान की एक इंच जमीन भी किसी को नहीं दी जाएगी व यह गहने दी जमीन का पट्टानामा पंजाब वक्फ बोर्ड द्वारा भंग किया जाएगा। गौर हो कि पट्टेदार द्वारा गहने ली जमीन की खुदाई के दौरान मिली कब्रों से खड़े हुए विवाद को अंतत: मुस्लिम नेताओं व ग्राम पंचायत द्वारा इस तरह सुलझा लिया गया व पटेदार द्वारा गहने ली जमीन दौरान निकली पुरानी कब्रों की बेअदबी जानबूझ कर नहीं की गई। झगड़ा निपटाने के लिए पंचायत द्वारा लिखे राजीनामे के अनुसार पट्टेदार द्वारा गहने ली जमीन पर पिछले कई दशकों से काबिज एक एकड़ जमीन को पुन: पट्टेदार मुस्लिम भाईचारे के लोगों को देगा। इस मौके सरपंच गुरप्रीत सिंह, बहादुर खान, शेर खान, अजमीन खान, हाकम अली, डा. हमीद मोहम्मद, अबदुल हमीद, स्वराज खान आदि उपस्थित थे।

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