मांगे मनवाने के लिए किसान तेज करेंगे संघर्ष

भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के तीन दिवसीय इजलास के अंतिम विभिन्न मसलों पर किया विचार विमर्शभारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के तीन दिवसीय इजलास के अंतिम विभिन्न मसलों पर किया विचार विमर्शभारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के तीन दिवसीय इजलास के अंतिम विभिन्न मसलों पर किया विचार विमर्शभारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के तीन दिवसीय इजलास के अंतिम विभिन्न मसलों पर किया विचार विमर्शभारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के तीन दिवसीय इजलास के अंतिम विभिन्न मसलों पर किया विचार विमर्श

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 06:31 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 06:31 PM (IST)
मांगे मनवाने के लिए किसान तेज करेंगे संघर्ष
मांगे मनवाने के लिए किसान तेज करेंगे संघर्ष

संवाद सहयोगी भदौड़, बरनाला : भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के तीन दिवसीय इजलास के अंतिम दिन अध्यक्ष मंडल में शामिल हरिन्दर कौर ¨बदु, कुलदीप कौर परमजीत कौर, परमजीत कौर व हरदीप ¨सह टल्लेवाल की अध्यक्षता में चले सेशन के दौरान संगठनों ने हिस्सा लिया।

इस मौके पर सूदखोरी खिलाफ मांगों, जमीन की कमी पूरी करवाने, सस्ते कर्जे की कमी पूरी करवाने व रोजगार प्राप्ती की मांगों सहित किसानी कर्ज खत्म करवाने के लिए तीव्र संघर्ष किया जाएगा। किसान संघर्ष को विशाल व तीव्र करने के लिए महिलाओं को संगठन में बराबर की शामिल करवाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे। इसी तरह नशे के दरिया में डूब रही युवक पीढ़ी, विदेशों को भाग रही व गुंडा गिरोहों के धक्के चढ़ रही युवकों को संघर्ष के रास्ते पाने के लिए संगठन के साथ जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर सांझी मांगों-मसलों को लेकर संघर्ष के लिए खेत मजदूरों के साथ सांझ ओर पक्की की जाएगी। इस अवसर पर बेसहारा पशुओं व कुत्तों की समस्या व दूध की गिर रही कीमतों पर ¨चता प्रकट करते हुए इन मसलों को भी संघर्ष का हिस्सा बनाया जाएगा।

धान की पराली के मुद्दे पर सरकार को चेतावनी दी कि या तो 200 प्रति ¨क्वटल धान व सरकार पराली की संभाल के लिए बोनस दे या सरकार खुद संभाल का प्रबंध करें, नहीं तो पराली को आग लगानी किसानों की मजबूरी होगी। इस विषय पर 26 सितंबर को बरनाला में कनवेंशन की जा रही है जिस में प्रसिद्ध माहिर विचार रखेंगे। इस अवसर पर हरजिन्दर ¨सह, राम ¨सह भैणीबाघा, पूर्ण ¨सह, अमरीक ¨सह, चमकौर ¨सह नैणेवाल, लखविन्दर ¨सह, जोगिन्द्र ¨सह के अलावा 100 से ज्यादा जिले के डेलीगेटों ने बहस में हिस्सा लिया।

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