बुद्धिजीवियों, विद्यार्थियों व जम्हूरी वर्करों को रिहा करने की मांग
जम्हूरी अधिकार सभा द्वारा मनाए जा रहे जम्हूरी चेतना पखवाड़ा के तहत सोमवार को जम्हूरी चेतना सेमिनार का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, बरनाला
जम्हूरी अधिकार सभा द्वारा मनाए जा रहे जम्हूरी चेतना पखवाड़ा के तहत सोमवार को जम्हूरी चेतना सेमिनार का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने भीमा कोरेगांव केस में बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी (छह जून, 2018) के तीन वर्ष पूरे होने पर विचार रखे।
मुख्य वक्ता व सभा के प्रांतीय महासचिव प्रोफेसर जगमोहन सिंह ने कहा कि फासीवादी ताकतें हमेशा बुद्धिजीवियों से डरती हैं। बुद्धिजीवियों की जुबान बंद करने के लिए सरकारें उन्हें किसी न किसी बहाने जेलों में डाल देती है।
एडवोकेट सुदीप सिंह बठिडा ने भीमा कोरेगांव व दिल्ली कत्लेआम केस के बहाने गिरफ्तार बुद्धिजीवियों, विद्यार्थियों व जम्हूरी वर्करों को रिहा करने, तीन कृषि विरोधी कानून रद करने व लक्ष्यदीप टापू में भगवा एजेंडा लागू करने की कोशिशें बंद करने के लिए प्रस्ताव पेश किए गए, जिन्हें प्रवानगी दी गई। सभा के जिला प्रधान गुरमेल सिंह ठुल्लीवाल ने सभी का धन्यवाद किया। स्टेज संचालन सोहन सिंह माझी ने किया।