लोकतंत्र में लोगों की मर्जी से बनते हैं कानून, न कि तानाशाही से

केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग समक्ष लगाया गया संयुक्त किसानों का रोष धरना रविवार को 256वें दिन भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 04:17 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 04:17 PM (IST)
लोकतंत्र में लोगों की मर्जी से बनते हैं कानून, न कि तानाशाही से
लोकतंत्र में लोगों की मर्जी से बनते हैं कानून, न कि तानाशाही से

जागरण संवाददाता, बरनाला

केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग समक्ष लगाया गया संयुक्त किसानों का रोष धरना रविवार को 256वें दिन भी जारी रहा। किसानों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। महलकलां टोल प्लाजा, बडबर टोल प्लाजा, दो माल,दो पेट्रोल पंप संघेड़ा व पेट्रोल पंप धनौला,भाजपा जिला प्रधान यादविदर शैंटी के निवास स्थल समक्ष, भाजपा नेता अर्चना दत्त शर्मा के निवास स्थल समक्ष किसानों का धरना जारी रहा।

14 जून के रोष धरनों में श्री गुरु अर्जुन देव का बलिदान दिवस मनाया जाएगा। रोष धरने को संबोधित करते नरेण दत्त, जगपाल सिंह, गुरजंट सिंह, मेला सिंह कट्टू, अमरजीत कौर, गुरदर्शन सिंह, करनैल सिंह गांधी, गुरदेव सिंह मांगेवाल, बलजीत सिंह चौहानके, बाबू सिंह आदि ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी कानून लोगों की मर्जी से बनते हैं। यदि कोई कानून लोकहित के खिलाफ बनता है तो लोगों के कहने पर इसे रद कर देना चाहिए। उनका आंदोलन लोकतंत्र के इस रूप को लागू करवाने का आंदोलन है।

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