केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर के बयान की निंदा
32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तीन कृषि विरोधी कानून रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने का नया कानून बनाने की मांग को लेकर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा बुधवार को 294वें दिन में प्रवेश कर गया।
संवाद सहयोगी, बरनाला
32 संगठनों पर आधारित संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तीन कृषि विरोधी कानून रद करवाने व एमएसपी की गारंटी देने का नया कानून बनाने की मांग को लेकर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगाया पक्का मोर्चा बुधवार को 294वें दिन में प्रवेश कर गया।
बुधवार को धरने में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के उस बयान कि सरकार के पास उन किसानों का कोई आंकड़ा नहीं है जिनकी किसान आंदोलन दौरान मौत हुई है व न ही सरकार की तरफ से इन किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की कोई योजना है, की आलोचना की गई।
वक्ताओं ने कहा कि यह बयान सरकार की संवेदनहीनता, अड़ियल रवैये, अहंकार व किसानी मांगों के प्रति गैर संजीदगी को दर्शाता है। अब तक 582 से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हैं कितु मन की बात करने वाले देश के प्रधानमंत्री के मुंह से इन किसानों के लिए हमदर्दी का एक शब्द नहीं निकला। किसानों के साथ दुश्मनों की तरह व्यवहार किया जा रहा है।
बलवंत सिंह उप्पली, करनैल सिंह गांधी, मेला सिंह कट्टू, नछतर सिंह साहौर, नारायण दत्त, हरचरण सिंह, नेकदर्शन सिंह, गुरचरण सिंह, मनजीत कौर, बलवीर कौर, बलजीत सिंह चौहानके, लक्खा सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे ने 22 जुलाई से संसद के समक्ष रोष प्रदर्शन किया जाएगा जिसमें रोजाना 200 किसान हिस्सा लेंगे। इस उद्देश्य के लिए आधार कार्ड आदि पहचान पत्रों सहित किसान वालंटियरों की लिस्टें तैयार की जा रही हैं। वर्ष 2010 में शहीद भगत सिह के चाचा व स्वतंत्रता सेनानी स्वर्ण सिंह व 1965 में उनके साथ बीके दत्त को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि भेंट की गई। कविश्र राजविदर सिंह मल्ली व बलविदर सिंह ने गीत सुनाए।