अंतरराष्ट्रीय मां बोली दिवस मनाया
बरनाला ोगेसिव सीनियर सिटीजन सोसायटी व सूर्यवंशी खत्री सभा ने अंतरराष्ट्रीय मां बोली दिवस मनाया।
जागरण संवाददाता, बरनाला : प्रोगेसिव सीनियर सिटीजन सोसायटी व सूर्यवंशी खत्री सभा ने अंतरराष्ट्रीय मां बोली दिवस मनाया। इस अवसर पर सुखविदर सिंह भंडारी ने कहा कि मां बोली दिवस 21 फरवरी 2000 से हर वर्ष मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाब में पंजाबी बोलने वालों की संख्या कम होती जा रही है। पिछली जनगणना के अनुसार पंजाब में पंजाबी बोलने व पंजाबी न बोलने वालों की संख्या लगभग बराबर हो गई। भाषा वैज्ञानिकों का मानना है कि मां बोली को छोड़कर बच्चे की सख्शियत का पूर्ण विकास नहीं हो सकता, पब्लिक स्कूलों की दौड़ के कारण पंजाबी भाषा का बहुत नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि संसार के जितने भी विकसित देश हैं, उन्होंने अपनी मां बोली द्वारा अपनी मंजिल प्राप्त की है। इस अवसर पर साहित्यकार तेजिदर सिंह चंडिहोक ने कहा कि पंजाबी भाषा को पंजाब के दफ्तरों में सख्ती से लागू करने की जरूरत है। उन्होंने पंजाबियों को पंजाबी भाषा पढ़ने, लिखने व बोलने के लिए अपील की। इस अवसर पर उपस्थित सदस्यों ने प्रण किया कि वह अपने बच्चों को पंजाबी पढ़ाएगे, अपनी लिखतां पंजाबी में करेगे व पंजाबी सांस्कृति, पंजाबी कलावां व कदरों-कीमतों की राखी करेगे। इस समारोह के दौरान दशमेश पिता श्री गुरु गोबिद सिंह जी के छोटे साहिबजादों व माता गुजरी जी की निष्काम सेवा करने वाले बाबा मोती राम महिरा के शहीदी दिवस पर उनको श्रद्धांजलि भेंट की गई।
इस अवसर पर कुसुम कुमार गर्ग, अश्वनी कुमार शर्मा, विजय शर्मा, बलवीर सिंह, वेद प्रकाश आदि उपस्थित थे।